खेल जगत में कभी-कभी ऐसी कहानियाँ जन्म लेती हैं जो दशकों के धैर्य, अथक परिश्रम और अटूट विश्वास की गाथा बयाँ करती हैं। ऐसी ही एक कहानी अब फ्रांस की महिला वॉलीबॉल टीम लिख रही है, जो पूरे 50 साल के लंबे इंतजार के बाद एफआईवीबी वॉलीबॉल महिला विश्व चैंपियनशिप में वापसी कर रही है। वॉलीबॉल के जानकार शायद सोच रहे होंगे कि इस वापसी को `आधी सदी का इंतजार` कहना एक मामूली बात है, क्योंकि यह सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि दशकों का संघर्ष और धैर्य है, जिसने इस टीम को एक बार फिर विश्व मंच पर खड़ा किया है।
पिछली बार जब फ्रांसीसी महिला टीम ने 1974 में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, तब विश्व काफी अलग था। अब 2025 में, वे एक नए कलेवर, नई ऊर्जा और नई उम्मीदों के साथ थाईलैंड के चियांग माई में पूल सी में प्रवेश कर रही हैं, जहाँ उनका सामना वॉलीबॉल की दिग्गज टीम ब्राजील, पुएर्टो रिको और ग्रीस से होगा। यह वापसी सिर्फ एक टूर्नामेंट में भागीदारी नहीं, बल्कि फ्रांस में महिला वॉलीबॉल के एक नए युग की शुरुआत है।
संघर्ष से सफलता तक: एक उल्लेखनीय यात्रा
फ्रांस की महिला टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप में वापसी का मार्ग आसान नहीं रहा है। उनकी पिछली उपस्थिति 1952 (जहाँ उन्होंने सातवाँ स्थान हासिल किया था), 1956 और 1974 में दर्ज की गई थी। इन दशकों में, टीम ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष खेल से एक तरह से दूरी बना ली थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह परिदृश्य तेजी से बदला है। उनके प्रदर्शन में एक स्पष्ट और प्रभावशाली प्रगति देखने को मिली है, जिसने उन्हें महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करने में मदद की है।
प्रमुख उपलब्धियाँ जो बनीं सीढ़ियाँ:
- चैलेंजर कप विजय: अपनी घरेलू धरती लावाल में चैलेंजर कप का खिताब जीतना इस यात्रा का पहला बड़ा कदम था। यह जीत न केवल एक ट्रॉफी थी, बल्कि इसने उन्हें वॉलीबॉल नेशंस लीग (VNL) में पदोन्नति भी दिलाई, जहाँ उन्होंने दुनिया की सबसे मजबूत टीमों के खिलाफ नियमित रूप से प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया। यह अनुभव किसी भी उभरती हुई टीम के लिए अमूल्य होता है।
- ओलंपिक में ऐतिहासिक पदार्पण: मेजबान राष्ट्र होने के नाते पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए स्वतः योग्यता प्राप्त करना फ्रांसीसी महिला टीम के लिए एक और `पहली` उपलब्धि है। यह उन्हें सबसे बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता है। विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक के बीच का निकट संबंध टीम को एक इवेंट से दूसरे इवेंट में अपनी लय और सीख को आगे बढ़ाने का दुर्लभ मौका देता है। यह ऐसा ही है जैसे कोई खिलाड़ी लगातार दो छक्के लगाकर अपनी फॉर्म को मजबूत कर रहा हो।
उभरती हुई प्रतिभा: इमैन नडियाय का चमकता सितारा
इस पुनरुत्थान में कुछ खिलाड़ियों का योगदान अविस्मरणीय रहा है, और इनमें से एक नाम है विपरीत-छोर की खिलाड़ी (opposite hitter) इमैन नडियाय का। 2025 VNL में उनके प्रदर्शन ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लगातार स्कोरिंग और आक्रमण में उनकी दमदार उपस्थिति ने टीम को इटली, चीन और ब्राजील जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धी बनाए रखा। नडियाय की क्षमता और उनकी लगातार शानदार खेल प्रदर्शन ने इस बात पर जोर दिया है कि टीम की आक्रमण पंक्ति में कितने विकल्प विकसित हुए हैं। वे वाकई टीम की `साइलेंट किलर` साबित हुई हैं।
मजबूत नींव: एफआईवीबी वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम का योगदान
फ्रांस के इस पुनरुत्थान के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारक रहा है एफआईवीबी वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम में उनकी भागीदारी। 2022 से 2024 तक, फ्रांसीसी वॉलीबॉल महासंघ को लगातार तीन आवेदन-आधारित परियोजनाओं के तहत $252,000 का वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ। इस पूरी फंडिंग को महिला राष्ट्रीय टीम के कोच समर्थन में निर्देशित किया गया था, जिससे कार्यक्रम को मजबूत करने और लंबी अवधि की निरंतरता बनाए रखने में मदद मिली।
यह वित्तीय सहायता और रणनीतिक समर्थन ने टीम को छिटपुट भागीदारी से संरचित विकास की ओर बढ़ने में सक्षम बनाया। अब फ्रांसीसी प्रणाली एक समय में केवल एक प्रतियोगिता की तैयारी करने के बजाय, ओलंपिक चक्रों में निरंतरता बनाने पर केंद्रित है। एम्पावरमेंट समर्थन ने पेशेवर कर्मचारियों और संरेखित योजना के साथ इस परिवर्तन को आकार देने में मदद की है, जो निरंतर प्रगति में योगदान दे रहा है। यह किसी बड़े भवन की मजबूत नींव रखने जैसा है, जो अब उसकी ऊँची इमारतों को सहारा दे रही है।
नई दिशा, अनुभवी नेतृत्व
पेरिस ओलंपिक खेलों के समापन के बाद, 2024 के अंत में सेज़ार हर्नांडेज़ गोंज़ालेज़ को मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया। हालाँकि उन्होंने ओलंपिक के दौरान टीम का नेतृत्व नहीं किया, लेकिन उनके आगमन ने कार्यक्रम के विकास में एक नए चरण की शुरुआत की। अंतर्राष्ट्रीय कोचिंग अनुभव से समर्थित, हर्नांडेज़ अब थाईलैंड में विश्व चैंपियनशिप से पहले कमान संभाल रहे हैं, जिसका ध्यान निरंतरता बनाए रखने और पहले से स्थापित नींव पर निर्माण करने पर है। उनका काम केवल जीतना नहीं, बल्कि उस जीत की राह को और मजबूत करना है।
पुरुष टीम का प्रभाव: एक संयुक्त उत्थान
महिला टीम का यह उत्थान फ्रांसीसी वॉलीबॉल के भीतर एक व्यापक बदलाव को भी दर्शाता है। पिछले एक दशक में, पुरुष राष्ट्रीय टीम दुनिया की शीर्ष टीमों में से एक बन गई है, जिसने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं, और 2022 और 2024 में वॉलीबॉल नेशंस लीग का खिताब जीता है। हालाँकि दोनों कार्यक्रमों ने अलग-अलग रास्तों पर विकास किया है, लेकिन दोनों को एक मजबूत प्रणाली और बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन से लाभ हुआ है। यह एक ऐसा वातावरण तैयार करता है जहाँ सफलता एक टीम तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पूरे खेल को ऊपर उठाती है।
आगे का रास्ता: उम्मीदें और चुनौतियाँ
फ्रांस की महिला वॉलीबॉल टीम के लिए 2025 विश्व चैंपियनशिप एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह न केवल उनकी वापसी का जश्न मनाने का अवसर है, बल्कि यह साबित करने का भी मौका है कि वे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं। ब्राजील जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ उनके मैच यह दिखाएंगे कि उनकी कड़ी मेहनत और रणनीतिक निवेश रंग ला रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह टीम वॉलीबॉल के इतिहास में अपना नया अध्याय कैसे लिखती है, क्योंकि 50 साल बाद भी, कुछ कहानियाँ कभी पुरानी नहीं होतीं, बल्कि सिर्फ अपनी बारी का इंतजार करती हैं।