जबकि कुछ खेल अपनी भव्यता और सुर्खियों से लोगों का ध्यान खींचते हैं, वॉलीबॉल का विकास अक्सर एक शांत लेकिन अथक प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ता है। यह खेल, जो दुनिया के कोने-कोने में खेला जाता है, अपनी वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता को निरंतर मजबूत करने के लिए पर्दे के पीछे लगातार काम कर रहा है। इस प्रगति की धुरी पर खड़ा है अंतर्राष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ (FIVB) का दूरदर्शी `वॉलीबॉल सशक्तिकरण` कार्यक्रम, जो खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है।
एक साझा दृष्टिकोण: “एक साथ एक”
FIVB का `वॉलीबॉल सशक्तिकरण` कार्यक्रम केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह FIVB के 2032 रणनीतिक दृष्टिकोण का एक अभिन्न स्तंभ है, जिसका मूल मंत्र है “एक साथ एक” (Together as One)। यह मंत्र खेल के सभी हितधारकों को एकजुट करके वॉलीबॉल के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना चाहता है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय टीमों और राष्ट्रीय महासंघों (NFs) को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करना है, जिससे वे खेल के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें।
विकास के लिए ठोस निवेश
इस कार्यक्रम की शुरुआत 2017 में हुई थी, और तब से अब तक, इसने वॉलीबॉल के भविष्य में एक प्रभावशाली निवेश किया है। 205 देशों में 1,492 परियोजनाओं में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि FIVB खेल में कमाए गए धन को वापस खेल में ही निवेश करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, सभी नवीनतम आंकड़े FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण परियोजना डैशबोर्ड पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं – एक ऐसा ऑनलाइन उपकरण जो इन निधियों के दूरगामी प्रभाव को दर्शाता है।
हाल ही में, 2025 के लिए आवेदन-आधारित सहायता विंडो-I के तहत, 48 राष्ट्रीय महासंघों में 106 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें कुल 1.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश मूल्य शामिल है। यह स्वीकृति न केवल संख्यात्मक वृद्धि दर्शाती है, बल्कि वॉलीबॉल के जमीनी स्तर पर विकास के प्रति FIVB की अटूट निष्ठा को भी उजागर करती है।
बहुआयामी समर्थन: क्षमता निर्माण की कुंजी
मंजूर की गई परियोजनाएं कई प्रमुख विकास क्षेत्रों में फैली हुई हैं, जो खेल के समग्र विकास को सुनिश्चित करती हैं:
- कोचिंग सहायता (46 परियोजनाएँ): राष्ट्रीय टीमों के विकास के लिए शीर्ष-स्तरीय प्रशिक्षण और विशेषज्ञता प्रदान की जा रही है। आखिर, किसी भी एथलीट का भविष्य उसके कोच की समझ और मार्गदर्शन पर बहुत निर्भर करता है।
- वॉलीबॉल उपकरण (32 परियोजनाएँ): खेल के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण संसाधनों तक पहुंच मिल सके। क्या हम यह कल्पना कर सकते हैं कि सचिन तेंदुलकर बिना बल्ले के क्रिकेट खेल रहे होते? उपकरण खेल की रीढ़ हैं।
- ज्ञान हस्तांतरण कार्यक्रम (28 परियोजनाएँ): इसमें तकनीकी विशेषज्ञता और परिचालन सहायता शामिल है, जो महासंघों को अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है। यह सिर्फ मछली देना नहीं, बल्कि मछली पकड़ना सिखाना है।
प्रेरणा का स्रोत और स्थायी भविष्य
FIVB के अध्यक्ष फैबियो एज़ेवेडो ने इस कार्यक्रम की सकारात्मक गति और विकास की सराहना करते हुए कहा, “वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम वॉलीबॉल के उन सभी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनके लिए हम खड़े हैं और हमारी 2032 रणनीतिक दृष्टि क्या है। यह सिर्फ धन देने के बारे में नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय महासंघों को सफल और स्थायी वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल कार्यक्रम बनाने में मदद करने के बारे में है।” उनका यह भी मानना है कि “राष्ट्रीय टीमें और उनके एथलीट वास्तव में प्रशंसकों और खिलाड़ियों की एक नई पीढ़ी में जुनून पैदा कर सकते हैं। जब लोग अपने नायकों को विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करते देखते हैं, तो यह सपनों को जगाता है।”
कार्यक्रम का वैश्विक दायरा स्वीकृत परियोजनाओं के क्षेत्रीय वितरण से स्पष्ट होता है, जो एशिया से लेकर कैरिबियन तक हर महाद्वीप को छूता है:
- एवीसी (एशिया): 9 राष्ट्रीय महासंघों में 13 परियोजनाएँ
- सीएवीबी (अफ्रीका): 8 राष्ट्रीय महासंघों में 22 परियोजनाएँ
- सीईवी (यूरोप): 15 राष्ट्रीय महासंघों में 31 परियोजनाएँ
- सीएसवी (दक्षिण अमेरिका): 2 राष्ट्रीय महासंघों में 2 परियोजनाएँ
- नॉरसेका (उत्तरी, मध्य अमेरिका और कैरिबियन): 14 राष्ट्रीय महासंघों में 38 परियोजनाएँ
यह कार्यक्रम वॉलीबॉल के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रख रहा है, जहाँ हर देश, चाहे वह कितना भी छोटा या संसाधन-सीमित क्यों न हो, वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने और अपने एथलीटों को प्रेरित करने का सपना देख सकता है। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन है, जो “एक साथ एक” के आदर्श पर आगे बढ़ रहा है, और इसका भविष्य निश्चित रूप से रोमांचक है।