हाल ही में मेक्सिको के मादेरो में आयोजित नोरसेका बीच वॉलीबॉल टूर इवेंट में प्यूर्टो रिको ने इतिहास रच दिया। महिला और पुरुष दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपनी खेल क्षमता का प्रदर्शन किया। यह जीत सिर्फ़ एथलीटों के अथक परिश्रम का परिणाम नहीं, बल्कि FIVB के “वॉलीबॉल सशक्तिकरण” कार्यक्रम के रणनीतिक समर्थन का भी स्पष्ट प्रमाण है, जिसने छोटे से द्वीप राष्ट्र के लिए वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।
सफलता की नींव: FIVB सशक्तिकरण कार्यक्रम
इस स्वर्णिम सफलता के पीछे FIVB वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फेडरेशन प्यूर्टो रिकेना डे वॉलीबॉल के बीच वॉलीबॉल विभाग को इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय युगल खिलाड़ियों के लिए कोच समर्थन हेतु कुल 168,000 अमेरिकी डॉलर और बीच वॉलीबॉल उपकरण के लिए 17,500 अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की गई थी। कोच एंजेल पेना की देखरेख में खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को निखारा। यह वित्तीय सहायता मात्र एक निवेश नहीं, बल्कि दूरदर्शिता का एक प्रमाण है – कैसे एक लक्षित समर्थन बड़े सपनों को साकार कर सकता है और अपेक्षित परिणाम दे सकता है।
महिला वर्ग में स्वर्णिम गाथा: निरंतरता का प्रतिफल
महिला वर्ग में मारिया गोंजालेज और एलानिस नवास की जोड़ी ने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए इस साल टूर पर अपनी तीसरी कॉन्टिनेंटल स्वर्ण पदक जीत हासिल की। मादेरो में टूर्नामेंट के दूसरे वरीय खिलाड़ी के रूप में उतरते हुए, उन्होंने पाँच मैचों में एक भी सेट गंवाए बिना टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाए रखा। यह उनकी खेल रणनीति, तालमेल और मानसिक दृढ़ता का उत्कृष्ट उदाहरण था।
फाइनल में, उन्होंने शीर्ष वरीयता प्राप्त घरेलू दावेदार सुज़ाना टोरेस और एटेनास गुटिएरेज़ को 2-0 (21-18, 21-19) से हराकर अपनी शानदार यात्रा को पूरा किया। सेमीफाइनल में, गोंजालेज और नवास ने कनाडा की डेविन कोराह और एलिसिया थिबोडो को भी सीधे सेटों में 2-0 (21-11, 21-9) से हराया था। इस जोड़ी ने नोरसेका टूर में कुल सात स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर अपनी असाधारण निरंतरता को साबित किया है। यह प्रदर्शन बताता है कि जब आप लगातार अच्छा करते हैं, तो सफलता आपकी आदत बन जाती है।
पुरुष वर्ग में ऐतिहासिक breakthrough: पहली जीत की चमक
पुरुष वर्ग में, विलियम रिवेरा और डिएगो रोसिच ने अपना पहला नोरसेका टूर पदक जीतकर इतिहास रचा। छठे वरीयता प्राप्त होने के बावजूद, उन्होंने भी पाँच मैचों में अपराजित रहते हुए पोडियम के शीर्ष पर अपनी जगह बनाई। उनकी यह जीत एक नए अध्याय की शुरुआत थी, जिसने दिखाया कि अप्रत्याशित प्रतिभा भी बड़े मंच पर चमक सकती है।
फाइनल में, प्यूर्टो रिको की इस जोड़ी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के दूसरे वरीय क्रिस्टोफर शैफर और स्कालर कॉफमैन को 2-0 (21-12, 24-22) से हराकर चौंकाने वाली जीत दर्ज की। यह जीत विशेष रूप से उल्लेखनीय थी क्योंकि उन्होंने एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी को हराया। सेमीफाइनल में भले ही रिवेरा और रोसिच ने टूर्नामेंट का अपना एकमात्र सेट गंवाया, लेकिन निकारागुआ के चौथे वरीय रूबेन मोरा और डेनिस लोपेज पर 2-1 (21-17, 20-22, 15-7) से शानदार जीत हासिल की। यह जीत दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से हर बाधा को पार किया जा सकता है, भले ही शुरुआत कितनी भी कठिन क्यों न हो। मेक्सिको के मिगुएल सराबिया और जोरमन ओसुना ने कांस्य पदक पर कब्ज़ा किया, जिससे पुरुषों का पोडियम पूरा हुआ।
पदकों से परे: एक प्रेरणादायक मॉडल
यह दोहरी स्वर्ण पदक जीत केवल संख्याओं या पदकों का मामला नहीं है। यह प्यूर्टो रिको के बीच वॉलीबॉल के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहाँ व्यवस्थित समर्थन और अथक परिश्रम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह FIVB के सशक्तिकरण कार्यक्रम की सफलता का भी प्रमाण है, जो दुनिया भर में खेल विकास के लिए एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत करता है। यह दिखाता है कि सही दिशा में किया गया छोटा सा निवेश भी कितने बड़े परिणाम ला सकता है, और यह अन्य खेल संघों के लिए भी एक सीख है।
आगे की राह: नई चुनौतियाँ, नई उम्मीदें
मादेरो में नौ अलग-अलग राष्ट्रीय महासंघों का प्रतिनिधित्व करने वाली कुल नौ महिला और दस पुरुष टीमों ने प्रतिस्पर्धा की, जिससे इस इवेंट का महत्व और बढ़ गया। अब, नोरसेका बीच वॉलीबॉल टूर का अगला पड़ाव सूरीनाम के पारामा रिबो में 25 से 27 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा, जहाँ इन एथलीटों से एक बार फिर शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है। प्यूर्टो रिको की टीमों की नजरें अब भविष्य की चुनौतियों पर टिकी हैं, और वे अपने स्वर्णिम प्रदर्शन को दोहराने के लिए तैयार हैं।