खेल का मैदान, खिलाड़ियों के लिए जुनून, पहचान और गौरव का प्रतीक होता है। लेकिन हर एथलीट के करियर में एक ऐसा मोड़ आता है, जब उन्हें खेल के जूते उतार कर, जीवन की दूसरी पिच पर कदम रखना होता है। यह बदलाव अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है, जिसके लिए सही मार्गदर्शन और तैयारी की आवश्यकता होती है। इसी आवश्यकता को समझते हुए, अंतर्राष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ (FIVB) ने `बियॉन्ड द कोर्ट 2025` कार्यक्रम की घोषणा की है, जो एलीट वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल खिलाड़ियों को उनके खेल करियर के बाद एक सफल और सार्थक भविष्य के लिए तैयार करेगा।
FIVB और CIES की अनूठी पहल
यह कार्यक्रम FIVB और इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट स्टडीज (CIES) के बीच एक साझेदारी का परिणाम है। इनका उद्देश्य उन खिलाड़ियों को सशक्त बनाना है, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा वॉलीबॉल को समर्पित किया है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ खिलाड़ी अपनी नई करियर राहों की खोज कर सकते हैं, खुद को शिक्षित कर सकते हैं और खेल उद्योग के भीतर व बाहर नए अवसरों को समझ सकते हैं।
कब और कहाँ? ओलंपिक राजधानी में एक सप्ताह का गहन कार्यक्रम
यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम 6 से 10 अक्टूबर 2025 तक, स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन शहर में स्थित वॉलीबॉल हाउस में आयोजित किया जाएगा। लॉज़ेन को `ओलंपिक राजधानी` के नाम से भी जाना जाता है, जो खेल जगत के कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का केंद्र है। ऐसे परिवेश में, खिलाड़ियों को न केवल शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें वैश्विक खेल समुदाय के साथ जुड़ने का भी अद्वितीय अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम में क्या होगा खास?
एक सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम को विशेष रूप से खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसमें कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं:
- दैनिक शिक्षा सत्र: खिलाड़ियों को व्यक्तिगत मूल्यों, हस्तांतरणीय कौशल (transferable skills), पेशेवर ब्रांडिंग और प्रभावी संचार रणनीतियों पर गहन सत्रों में शामिल किया जाएगा। ये सत्र उन्हें अपने अनुभवों को एक नए करियर में बदलने में मदद करेंगे।
- नेटवर्किंग और अनुभव: कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को वैश्विक वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल हितधारकों (stakeholders) के साथ मिलने और जुड़ने का अवसर मिलेगा। यह उन्हें खेल उद्योग के भीतर और अन्य क्षेत्रों में भविष्य के अवसरों का पता लगाने में सहायक होगा।
- ओलंपिक राजधानी में विसर्जन: खिलाड़ियों को ओलंपिक राजधानी में खुद को डुबोने, अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय खेल संगठनों से जुड़ने और खेल के मैदान से परे अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने का मौका मिलेगा।
सुबह के सत्र व्यावहारिक ढाँचों और इंटरैक्टिव कार्यशालाओं पर केंद्रित होंगे, जबकि दोपहर में उद्योग के दिग्गजों के साथ नेटवर्किंग और विशेष सत्र होंगे जो एथलीट के रूप में उनके अनुभव का लाभ उठाने की क्षमता को बढ़ाएंगे।
प्रतिभागी: खेल के मैदान के धुरंधर
इस वर्ष दुनिया भर से कई अनुभवी और कुशल वॉलीबॉल तथा बीच वॉलीबॉल खिलाड़ियों को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है। ये खिलाड़ी डोमिनिकन गणराज्य, ब्राजील, सेंट किट्स और नेविस, मिस्र, फ्रांस, सर्बिया, बुल्गारिया, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे विभिन्न देशों से आते हैं। इन्होंने अपने-अपने खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है और अब वे अपने करियर के अगले चरण के लिए तैयारी कर रहे हैं। इन धुरंधरों को यह समझना होगा कि मैदान पर मिली हर गेंद `मैच पॉइंट` नहीं होती, जीवन की पिच पर भी कई बार नया `सर्विस` करना पड़ता है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
अक्सर, जब एक खिलाड़ी अपने करियर के शिखर पर होता है, तो पूरा देश उसके नाम का जयकारा लगाता है। लेकिन समय का पहिया बड़ा निर्मम होता है। एक दिन अचानक, खेल का मैदान अतीत बन जाता है, और खिलाड़ी को एक नई दिशा की तलाश होती है। तब तक, दर्शक अगले सितारों की तलाश में निकल चुके होते हैं। ऐसे में, यह कार्यक्रम खिलाड़ियों के लिए एक जीवनरेखा का काम करता है। यह उन्हें यह समझने में मदद करता है कि खेल से अर्जित अनुशासन, टीमवर्क और दृढ़ संकल्प जैसे गुण किसी भी अन्य पेशे में मूल्यवान होते हैं। FIVB की यह पहल सिर्फ खिलाड़ियों के व्यक्तिगत विकास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह खेल जगत में एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है कि खिलाड़ियों का कल्याण उनके खेलने के दिनों के बाद भी मायने रखता है। यह एक जिम्मेदारी है जिसे अक्सर भुला दिया जाता है, लेकिन FIVB इसे बखूबी निभा रहा है।
FIVB की दूरदर्शिता
`बियॉन्ड द कोर्ट` FIVB की खिलाड़ियों के करियर के हर चरण में उनका समर्थन करने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे कोर्ट के अंदर और बाहर दोनों जगह सफलता के लिए अच्छी तरह से तैयार रहें। यह कार्यक्रम दिखाता है कि FIVB केवल प्रतियोगिताएं आयोजित करने से आगे बढ़कर, अपने एथलीटों के समग्र कल्याण और भविष्य में भी निवेश कर रहा है। यह वास्तव में एक सराहनीय कदम है, जो अन्य खेल संघों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।