फॉर्मूला 1 की दुनिया में भूचाल: रेड बुल ने अपने ‘कप्तान’ क्रिश्चियन हॉर्नर को हटाया

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फॉर्मूला 1 की दुनिया में एक युग का अंत हो गया। 20 साल तक रेड बुल रेसिंग टीम के सबसे बड़े चेहरे, टीम प्रिंसिपल क्रिश्चियन हॉर्नर को उनके पद से हटा दिया गया है। 9 जुलाई को यह खबर आई, जिसने मोटरस्पोर्ट जगत को चौंका दिया। हॉर्नर 2005 में टीम की स्थापना के बाद से ही इसका नेतृत्व कर रहे थे, और उनके कार्यकाल में रेड बुल ने सफलता की नई परिभाषा लिखी।

यह खबर ऐसे समय में आई है जब हॉर्नर पिछले 17 महीनों से दुराचार के आरोपों और टीम के भीतर की उठापटक का सामना कर रहे थे। हालांकि, इन आरोपों से उन्हें स्वतंत्र जांच में बरी कर दिया गया था, लेकिन विवादों का साया उन पर बना रहा। उनकी बर्खास्तगी सिर्फ विवादों से नहीं जुड़ी, बल्कि इस सीज़न में टीम के प्रदर्शन में आई गिरावट को भी एक कारण बताया जा रहा है, जैसा कि सूत्रों ने संकेत दिया है।

एक युवा नेतृत्व की शुरुआत

2005 में जब एनर्जी ड्रिंक कंपनी रेड बुल ने जगुआर रेसिंग टीम का अधिग्रहण किया, तो 31 साल के क्रिश्चियन हॉर्नर को टीम प्रिंसिपल बनाया गया। वह उस समय फॉर्मूला 1 के इतिहास के सबसे युवा टीम प्रिंसिपल थे और आज तक यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। एक युवा और महत्वाकांक्षी नेता के रूप में, हॉर्नर का लक्ष्य रेड बुल को एक सफल टीम बनाना था, न कि सिर्फ ग्रिड पर एक और एंट्री।

सफलता की ओर पहला कदम और साम्राज्य की नींव

रेड बुल ने 2009 में चीन ग्रैंड प्रिक्स में अपनी पहली जीत दर्ज की। यह जीत युवा जर्मन ड्राइवर सेबेस्टियन वेट्टेल ने दिलाई, और टीम के दूसरे ड्राइवर मार्क वेबर दूसरे स्थान पर रहे, जिसने रेड बुल को 1-2 फिनिश दी। यह जीत उस सुनहरे दौर की शुरुआत थी जिसने फॉर्मूला 1 में रेड बुल का दबदबा कायम किया। हॉर्नर के नेतृत्व में, वेट्टेल ने चार बार विश्व चैम्पियनशिप जीती, और रेड बुल ने शुरुआती 2010 के दशक में कंस्ट्रक्टर्स चैम्पियनशिप पर राज किया।

हॉर्नर के 20 साल के कार्यकाल में रेड बुल ने कुल 8 ड्राइवर्स चैम्पियनशिप और 6 कंस्ट्रक्टर्स चैम्पियनशिप जीतीं। टीम की सभी 124 ग्रैंड प्रिक्स जीत और 287 पोडियम फिनिश उन्हीं के नेतृत्व में हासिल हुए। यह आंकड़े उनकी सफलता की कहानी खुद कहते हैं।

चुनौतियों का दौर और वापसी

2014 में हाइब्रिड इंजन के आने के बाद, रेड बुल को रेनॉल्ट इंजन के साथ संघर्ष करना पड़ा। यह वह दौर था जब मर्सिडीज और लुईस हैमिल्टन का दबदबा था। हॉर्नर और रेनॉल्ट के प्रमुखों के बीच मतभेद अक्सर सुर्खियों में रहे। यह समय रेड बुल के लिए मुश्किल था, लेकिन हॉर्नर ने टीम को संभाले रखा। 2018 में रेनॉल्ट से अलग होकर होंडा के साथ पार्टनरशिप एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसने टीम को वापस चैम्पियनशिप की दौड़ में ला खड़ा किया।

मैक्स वेरस्टैपेन का उदय

2016 में, हॉर्नर ने एक और साहसी फैसला लिया। उन्होंने सिर्फ 18 साल के डच ड्राइवर मैक्स वेरस्टैपेन को टोरो रोसो (रेड बुल की जूनियर टीम) से प्रमोट करके मुख्य रेड बुल टीम में शामिल किया। यह एक जोखिम भरा कदम था, लेकिन यह एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। मैक्स ने रेड बुल के लिए अपनी पहली ही रेस, स्पेनिश ग्रैंड प्रिक्स, जीत ली और फॉर्मूला 1 के इतिहास के सबसे युवा रेस विजेता बन गए। हॉर्नर के साथ मैक्स वेरस्टैपेन ने न सिर्फ चार ड्राइवर्स चैम्पियनशिप जीतीं, बल्कि टीम की हालिया अद्वितीय सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विवादों का साया

फरवरी 2024 में, हॉर्नर पर टीम की एक महिला कर्मचारी द्वारा `अनुचित व्यवहार` के गंभीर आरोप लगाए गए। इन आरोपों के बावजूद, हॉर्नर टीम प्रिंसिपल बने रहे जबकि रेड बुल जीएमबीएच (मूल कंपनी) ने एक स्वतंत्र जांच कराई। जांच में उन्हें बरी कर दिया गया। हालांकि, इसके तुरंत बाद, हॉर्नर द्वारा कथित रूप से complainant को भेजे गए `यौन रूप से आपत्तिजनक` टेक्स्ट संदेश गुमनाम रूप से मीडिया और एफ1 जगत के प्रमुख लोगों को लीक कर दिए गए। इस मीडिया तूफान के बीच, हॉर्नर की पत्नी, पूर्व स्पाइस गर्ल गेरी हॉर्नर (हॉलीवेल) उनके साथ खड़ी रहीं। इस विवाद ने हॉर्नर और रेड बुल की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया।

अचानक बर्खास्तगी और भविष्य

लंबी सफलता, भारी विवादों और कथित तौर पर हालिया प्रदर्शन में आई कुछ कमी के मिश्रण के बीच, रेड बुल ने 9 जुलाई को क्रिश्चियन हॉर्नर को बर्खास्त करने का फैसला किया। सूत्रों के अनुसार, ब्रिटिश ग्रां प्री वीकेंड के बाद दो सप्ताह तक चली बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया।

यह एक ऐसा बदलाव है जिसका रेड बुल ने अपने फॉर्मूला 1 इतिहास में कभी अनुभव नहीं किया था। टीम की स्थापना के बाद से हॉर्नर ही इसके सूत्रधार रहे थे। उनकी जगह अब रेसिंग बुल्स (पूर्व टोरो रोसो) के टीम प्रिंसिपल लॉरेंट मेकिस लेंगे।

क्रिश्चियन हॉर्नर का रेड बुल में 20 साल का सफर फॉर्मूला 1 के इतिहास में सबसे सफल और विवादास्पद दौरों में से एक रहा है। उन्होंने एक नई टीम को चैम्पियनशिप विजेता बनाया, युवा प्रतिभाओं को चमकाया, और खेल में एक प्रभावशाली हस्ती बने रहे। उनका अचानक जाना टीम के लिए एक बड़ा झटका है और यह देखना बाकी है कि लॉरेंट मेकिस के नेतृत्व में रेड बुल किस दिशा में आगे बढ़ती है। हॉर्नर का जाना सिर्फ एक पद से हटना नहीं है, बल्कि यह उस युग का अंत है जिसने रेड बुल रेसिंग को आज की पहचान दी। विडंबना यह है कि इतनी सफलता के बाद, उनके कार्यकाल का अंत विवादों और अनिश्चितता के साए में हुआ।

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।