इटैलियन खेल जगत में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो सिर्फ़ खिलाड़ी या प्रशासक नहीं होते, बल्कि इतिहास के जीवंत गवाह बन जाते हैं। एवेलिना क्रिस्टिलिन उन्हीं में से एक हैं। एक पूर्व पेशेवर स्कीयर से लेकर टोरिनो 2006 शीतकालीन ओलंपिक की सूत्रधार और यूईएफए में फीफा परिषद की सदस्य तक, क्रिस्टिलिन ने इटैलियन फुटबॉल और वैश्विक खेल प्रबंधन के सबसे महत्वपूर्ण पलों को करीब से जिया है। उनकी कहानी यूवेंटस, एग्नेली परिवार और खेल के प्रति एक अटूट समर्पण का एक दिलचस्प मिश्रण है। आइए, उनकी जुबानी (और कुछ हमारी भी) इस असाधारण यात्रा पर निकलें।
एक बच्चे का सपना और `वकील` एग्नेली से दोस्ती
एवेलिना क्रिस्टिलिन की यूवेंटस से मोहब्बत 1966-67 सीज़न में, एक छोटी बच्ची के रूप में शुरू हुई। जहाँ उनकी बहनें और दोस्त जानवरों के एल्बम मांगते थे, वहीं एवेलिना ने फुटबॉल खिलाड़ियों का एल्बम चुना। सैंड्रो साल्वाडोर, एक कद्दावर डिफेंडर, उनके पसंदीदा थे, न केवल उनके खेल के लिए बल्कि इसलिए भी कि उनका जन्मदिन एवेलिना के जन्मदिन से दो दिन पहले आता था। यूवेंटस के खिलाड़ियों का उनकी स्कूली जीवन में आना-जाना आम बात थी, और यह उनके सामाजिक दायरे का हिस्सा बन गया।
एवेलिना का जियानी एग्नेली, जिन्हें प्यार से `वकील` (L`Avvocato) कहा जाता था, से जुड़ाव उनके बचपन का हिस्सा था। एवेलिना, जियानी की बेटी मार्गेरिटा की सहपाठी थीं, और उनके पिता, एमिलियो, एग्नेली के गहरे दोस्त थे। दोनों परिवार एक-दूसरे से खूब मिलते-जुलते थे, जिससे एवेलिना और उनके भाई-बहन मार्गेरिटा और एडोर्डो एग्नेली के साथ बड़े हुए। यह एक ऐसा बंधन था जो इटैलियन उद्योग, समाज और फुटबॉल के शीर्ष पर उनके लिए कई दरवाजे खोलता चला गया।
“एग्नेली एक दिन मेरे पिता से बोले: `अगली बार लड़की को भी साथ लाना, देखना चाहता हूँ कैसी स्की करती है।`”
क्रिस्टिलिन ने बताया कि एग्नेली ने उन्हें प्यार से “मून फेस” (Moon Face) बुलाना शुरू किया, क्योंकि उनका चेहरा गोल था। यह दर्शाता है कि उनका रिश्ता कितना व्यक्तिगत और गहरा था, जहाँ एक शक्तिशाली उद्योगपति एक युवा लड़की को अपना उपनाम दे रहा था।
अग्नेली की दूरदर्शिता: प्लाटिनी और जिदान की कहानियाँ
जियानी एग्नेली की दूरदर्शिता और यूवेंटस के प्रति उनका जुनून जगजाहिर था। एवेलिना क्रिस्टिलिन ने इस बारे में कई दिलचस्प किस्से साझा किए। एग्नेली विशेष रूप से मिशेल प्लाटिनी को पसंद करते थे। क्यों? क्योंकि प्लाटिनी में एग्नेली की बुद्धि और हाजिरजवाबी का मुकाबला करने की क्षमता थी। जहाँ अधिकांश खिलाड़ी एग्नेली के सामने खामोश रहते थे, प्लाटिनी उनके चुटकुलों का जवाब देते थे। एग्नेली ने प्रसिद्ध रूप से कहा था, “हमने प्लाटिनी को रोटी के एक टुकड़े में खरीदा और उस पर फोई ग्रास (Foie Gras) लगा दिया।” यह प्लाटिनी की प्रतिभा और एग्नेली के व्यापारिक कौशल का एक शानदार उदाहरण था।
लेकिन हर कहानी का सुखद अंत नहीं होता। ज़िनेदीन जिदान की रियल मैड्रिड को बिक्री एक ऐसा पल था जिसने एग्नेली को भीतर तक निराश कर दिया। एवेलिना के अनुसार, मोगी और गिराउड ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जिदान को कभी नहीं बेचा जाएगा, फिर भी सौदा हो गया। एग्नेली ने चुपचाप अपना गुस्सा व्यक्त किया, बिना किसी हस्तक्षेप के, क्योंकि वह प्रबंधकों और कोचों के काम में कभी दखल नहीं देते थे। यह खेल के शीर्ष पर भी व्यावसायिक मजबूरियों और व्यक्तिगत भावनाओं के बीच के संघर्ष को दर्शाता है।
जियानी एग्नेली के खिलाड़ियों को दिए गए उपनाम भी उनकी हास्य की भावना और गहरी नज़र का प्रमाण थे। बोंक को “बेलो डी नॉटे” (रात का सुंदर) और डेल पिएरो को “पिंटुरिचियो” (एक प्रसिद्ध चित्रकार) कहना, उनकी अद्वितीय पर्सनालिटी को दर्शाता है। एक बार हवाई अड्डे पर, एग्नेली ने बोंक से कहा, “प्यारे ज़िबी, कल हम दिन में खेलेंगे, तुम `बेलो डी नॉटे` नहीं बन पाओगे।” बोंक ने तुरंत जवाब दिया, “वकील साहब, इसका मतलब है कि कल मैं मैदान पर धूप का चश्मा लगाऊंगा!” यह संवाद उनके बीच के सौहार्दपूर्ण रिश्ते को उजागर करता है।
ओलंपिक की बुलंदियां और `मून फेस` का जादू
एवेलिना क्रिस्टिलिन का खेल जीवन सिर्फ फुटबॉल तक ही सीमित नहीं था। वह खुद एक प्रतिभाशाली स्कीयर थीं, जिन्होंने राष्ट्रीय टीम में भी जगह बनाई। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि टोरिनो 2006 शीतकालीन ओलंपिक के आयोजन समिति की अध्यक्ष के रूप में थी। यह फिर से जियानी एग्नेली का ही विश्वास था जिसने उन्हें यह भूमिका सौंपी। 1998 में, जब टोरिनो की उम्मीदें धूमिल लग रही थीं, एग्नेली ने एवेलिना को जीन-क्लाउड किली (फ्रांसीसी स्की लेजेंड) और जुआन एंटोनियो समारांच (आईओसी अध्यक्ष) से मिलने का मौका दिया। किली ने तो उन्हें “हजार में एक मौका” बताया, लेकिन एवेलिना ने हार नहीं मानी।
समारांच से मुलाकात के दौरान, एवेलिना ने सिर्फ फुटबॉल की बात की। जब एग्नेली ने उन्हें फोन करके कहा कि बातचीत ठीक नहीं रही और लोग तुम्हें `प्यारी और सुंदर लड़की` बता रहे हैं, तो एवेलिना ने दृढ़ता से जवाब दिया, “वकील साहब, मुझे दो महीने और दीजिए। अगर सफल नहीं हुई, तो वापस यूनिवर्सिटी में इतिहास पढ़ाना शुरू कर दूंगी।” और वह सफल हुईं! उन्होंने समारांच को मना लिया और टोरिनो को ओलंपिक की मेजबानी मिली। बाद में किली को भी समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया। यह एवेलिना के दृढ़ संकल्प और खेल के प्रति उनके गहरे ज्ञान का प्रमाण था।
कैल्सियोपोली और सुपरलीगा: जब निष्ठा की हुई परीक्षा
खेल जगत में एवेलिना क्रिस्टिलिन की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, खासकर जब बात वफादारी और सिद्धांतों की थी। 2006 में कैल्सियोपोली घोटाला, जिसमें यूवेंटस पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था, एग्नेली परिवार के लिए एक बड़ा झटका था। एवेलिना का मानना है कि जियानी एग्नेली ने भी वही किया होता जो उनके भतीजे जॉन एल्कन ने किया – दिल पर पत्थर रखकर सजा स्वीकार करना, जैसा कि यूवेंटस के वकील ज़ैकोन ने सीरी बी में पदावनति और जुर्माना को “स्वीकार्य दंड” बताया था। यहाँ, एवेलिना ने निष्पक्षता से स्वीकार किया कि यूवेंटस को निश्चित रूप से रेफरी से कुछ “मनोवैज्ञानिक अधीनता” का लाभ मिला था, भले ही अन्य क्लबों में भी अनियमितताएं थीं। यह उनकी निष्पक्षता और सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत को दर्शाता है।
लेकिन उनकी निष्ठा की सबसे बड़ी परीक्षा 2021 में सुपरलीगा (Superlega) विवाद के दौरान हुई। एक तरफ एग्नेली परिवार था और यूवेंटस, जिसका उन्होंने हमेशा समर्थन किया था, और दूसरी तरफ यूईएफए में उनका काम था। एंड्रिया एग्नेली ने रातोंरात सुपरलीगा में शामिल होने का फैसला किया, जिससे यूईएफए अध्यक्ष अलेक्जेंडर सेफेरिन ने इसे “विश्वासघात” बताया। एवेलिना के लिए वह रात “त्रासदीपूर्ण” थी। यूईएफए के वॉर रूम में, उन्हें कई लोगों ने एंड्रिया एग्नेली की जासूस माना। उन्होंने सेफेरिन से पूछा कि क्या उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, तो सेफेरिन ने कहा, “बिल्कुल नहीं, मुझे पता है कि आप हमारे प्रति वफादार हैं।”
इस घटना से वह इतनी आहत हुईं कि टोरिनो लौटते समय, उन्होंने अपने माता-पिता की कब्र पर जाकर अपने दिल का हाल बयां किया और खूब रोईं। तब से, उन्होंने यूवेंटस स्टेडियम में मैच देखना छोड़ दिया है, केवल महिला टीम की खिलाड़ी सारा गामा के विदाई मैच के लिए एक अपवाद बनाया। यह दर्शाता है कि खेल में सत्ता की राजनीति और व्यक्तिगत संबंधों के बीच का टकराव कितना दर्दनाक हो सकता है। एवेलिना कहती हैं, “यूवेंटस मेरे दिल में है और हमेशा रहेगा, लेकिन सुपरलीगा के दिनों में मैं यूईएफए के लिए काम कर रही थी और मुझे यूईएफए के प्रति वफादार रहना था।”
व्यक्तिगत दुःख और खेल के प्रति अटूट प्रेम
एवेलिना क्रिस्टिलिन के जीवन में सिर्फ खेल और सफलता ही नहीं थी, बल्कि व्यक्तिगत त्रासदियाँ भी थीं। जियानी एग्नेली के बेटे एडोर्डो के दुखद निधन ने उन्हें गहरा आघात पहुँचाया। एडोर्डो, जिन्हें वह बचपन से जानती थीं, एक अद्भुत लेकिन नाजुक लड़का था, जो शायद परिवार के नाम के बोझ को संभाल नहीं सका। एवेलिना ने बताया कि कैसे बच्चों के रूप में, वे अपने माता-पिता को कम देखते थे, भले ही उन्हें फ्रेंच और अंग्रेजी सिखाने के लिए नानी थीं।
एक पूर्व स्कीयर के रूप में, उन्होंने युवा स्कीयर माटेओ फ्रांज़ोसो और मटिल्डे लोरेंज़ी की असामयिक मौतों पर भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने सुरक्षा मानकों में कमी और आधुनिक स्कीइंग उपकरणों की बढ़ती गति के खतरों पर चिंता जताई। उनका कहना था कि खिलाड़ी जोखिम के प्रति जागरूक होते हैं, लेकिन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरना घातक हो सकता है, जैसा कि फॉर्मूला वन ड्राइवरों के साथ होता है।
आज की यूवेंटस के बारे में एवेलिना का दृष्टिकोण व्यावहारिक है। वह कहती हैं, “टीम व्यवस्थित लगती है। मैं कोई भ्रम नहीं पाले हुए हूँ, अभी लंबा रास्ता तय करना है, और मुझे नहीं लगता कि यह कभी ट्रैपट्टोनी, लिप्पी या कोंटे की यूवेंटस बन पाएगी, लेकिन यह एक गरिमापूर्ण यूवेंटस है और आज हमें इसी से संतोष करना पड़ता है।” यह एक अनुभवी प्रशासक का संतुलित और यथार्थवादी आकलन है।
निष्कर्ष: एक गरिमापूर्ण विरासत
एवेलिना क्रिस्टिलिन की कहानी सिर्फ यूवेंटस या एग्नेली परिवार के बारे में नहीं है। यह इटैलियन खेल प्रबंधन, वफादारी, व्यक्तिगत संघर्ष और खेल के प्रति एक गहरे, अटूट प्रेम की कहानी है। एक ऐसी महिला की कहानी जिसने हर चुनौती का सामना गरिमा और ईमानदारी से किया, और जिसने खेल के मैदान से लेकर कॉर्पोरेट बोर्डरूम तक, हर जगह अपनी छाप छोड़ी। उनका जीवन वास्तव में खेल जगत के लिए एक प्रेरणादायक गाथा है, जो हमें सिखाती है कि जुनून, कड़ी मेहनत और सिद्धांतों पर टिके रहने से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है, भले ही इसके लिए कितनी भी भावनात्मक कीमत चुकानी पड़े।