एक समय था जब लड़कियाँ जानवरों के एलबम इकट्ठा करना पसंद करती थीं, लेकिन एवेलीना क्रिस्टिलिन के लिए फुटबॉलरों के एलबम ही उनकी दुनिया थे। पूर्व विश्व-स्तरीय स्कीयर और वर्तमान में फीफा परिषद में यूईएफए की प्रतिनिधि, क्रिस्टिलिन का जीवन इतालवी फुटबॉल के सबसे प्रतिष्ठित क्लब, जुवेंटस, और खेल प्रशासन के शीर्ष स्तरों से गहराई से जुड़ा रहा है। यह उनकी कहानी है – दोस्ती, निष्ठा, महत्वाकांक्षा और खेल राजनीति की एक ऐसी गाथा जो कम ही सुनने को मिलती है।

सियासी गलियारों से लेकर फुटबॉल के मैदान तक: बचपन का जुनून
एवेलीना का जुवेंटस के साथ पहला संपर्क 1966-67 सीज़न में एक बच्ची के रूप में हुआ था। जहाँ अन्य बच्चे जानवरों के एलबम इकट्ठा करते थे, उन्होंने फुटबॉलरों के एलबम चुने। सैंड्रो सल्वादोर, एक मजबूत डिफेंडर, उनके पसंदीदा थे, न केवल उनके खेल के लिए, बल्कि इसलिए भी कि उनका जन्मदिन एवेलीना के जन्मदिन के दो दिन बाद आता था। इस तरह की छोटी-छोटी बातें ही किसी के जुनून की नींव रखती हैं, और एवेलीना के लिए यह नींव इतनी मजबूत बनी कि जीवन भर उनका मार्गदर्शन करती रही। यह जुनून सिर्फ फुटबॉल तक ही सीमित नहीं रहा; उन्होंने खुद एक कुशल स्कीयर के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई, जहाँ वे 70 के दशक की इतालवी चैंपियन क्लाउडिया जियोर्डानी की प्रतिद्वंद्वी थीं।
जियानी एग्नेली के साथ दोस्ती: एक अद्वितीय संबंध
एवेलीना की कहानी का एक सबसे दिलचस्प पहलू फिएट के दिग्गज और जुवेंटस के मालिक, जियानी एग्नेली, जिन्हें प्यार से `अववोकातो` (वकील) कहा जाता था, के साथ उनकी गहरी दोस्ती है। एवेलीना और एग्नेली की बेटी मार्गेरीटा स्कूल में सहपाठी थीं, और उनके पिता एग्नेली के अच्छे दोस्त थे। इस पारिवारिक संबंध ने एवेलीना को एग्नेली परिवार और जुवेंटस के आंतरिक घेरे में ला दिया।
अववोकातो अपनी तेज बुद्धि और अनूठी शैली के लिए जाने जाते थे। उन्होंने ही एवेलीना को उनके गोल चेहरे के कारण “मून फेस” (चाँद-सा चेहरा) का उपनाम दिया था। एग्नेली की प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर यात्राओं में शामिल होने का सौभाग्य भी उन्हें मिला, जहाँ वे अक्सर स्कीइंग के लिए पहाड़ों में उड़ते थे या विल्लार पेरोसा में टीम से मिलने जाते थे, और फिर ट्यूरिन में मैच के लिए निकल पड़ते थे। इन यात्राओं के दौरान एग्नेली के खिलाड़ियों को दिए गए मजाकिया उपनामों और बोनिपेर्टी जैसे जुवेंटस अध्यक्ष के साथ उनके प्रफुल्लित करने वाले मज़ाक आज भी याद किए जाते हैं।
एग्नेली ने एक बार बोनिपेर्टी से मज़ाक में कहा था कि उन्होंने डिएगो मैराडोना को जल्दी क्यों नहीं खरीदा था, जबकि उन्होंने खुद मैराडोना की प्रतिभा को युवावस्था में ही पहचान लिया था। बोनिपेर्टी ने जवाब दिया कि वह एक ऐसे खिलाड़ी को साइन करने के लिए “बहुत कैथोलिक” थे जिसका नाम “ईशनिंदा” से मिलता-जुलता था (मैराडोना, मैडोना)। यह किस्सा उनकी दोस्ती और इतालवी संस्कृति के एक हिस्से को दर्शाता है।
प्लेटिनी से जिदाने तक: एग्नेली की अंतर्दृष्टि

एग्नेली के पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक मिशेल प्लातिनी थे, क्योंकि वे न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी थे, बल्कि उनमें एग्नेली की बुद्धिमत्ता का सामना करने और उनके मज़ाकिया टिप्पणियों का जवाब देने की क्षमता भी थी। एग्नेली ने प्लातिनी को सेंट एटिएन से “एक रोटी के टुकड़े पर फॉई ग्रास” की तुलना में बहुत कम पैसे में खरीदा था।
हालांकि, जिदाने की रियाल मैड्रिड को बिक्री एग्नेली को बहुत खली थी। मोगी और गिराउदो ने उन्हें कभी जिदाने को न बेचने का आश्वासन दिया था, लेकिन वे वादे से मुकर गए। एग्नेली ने भले ही सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त न की हो, लेकिन वे चुपचाप बहुत आहत हुए थे। यह उनकी कार्यशैली का हिस्सा था; वे कभी भी प्रबंधकों या कोचों के काम में सीधे हस्तक्षेप नहीं करते थे।
खेल प्रशासन में कदम और ट्यूरिन 2006 ओलंपिक
जियानी एग्नेली ने ही एवेलीना की प्रशासनिक प्रतिभा को पहचाना और उन्हें ट्यूरिन 2006 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। एक समय पर, उन्हें “एग्नेली की लड़की” के रूप में देखा जाता था, लेकिन उन्होंने जल्द ही खुद को साबित किया। शुरू में, उनके पास ओलंपिक हासिल करने का “हजार में से एक मौका” था, लेकिन उन्होंने तत्कालीन सीओई अध्यक्ष जुआन एंटोनियो समारांच को मना लिया। उनकी दृढ़ता और प्रभावी बातचीत कौशल ने ट्यूरिन को ओलंपिक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और यह उनकी प्रशासनिक क्षमता का एक बड़ा प्रमाण था।
कल्सीओपोली और सुपरलेगा: निष्ठा का संकट
एवेलीना के जीवन के सबसे कठिन दौरों में से एक 2006 का कल्सीओपोली घोटाला था, जिसने जुवेंटस को सीरी बी में धकेल दिया। उनका मानना है कि जियानी एग्नेली भी अपने भतीजे जॉन एल्कान की तरह ही प्रतिक्रिया देते, और क्लब की गरिमा के लिए उस दंड को स्वीकार करते। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उस समय जुवेंटस को रेफरी की ओर से “एक निश्चित मनोवैज्ञानिक अधीनता” का लाभ मिलता था, हालांकि उन्होंने अन्य क्लबों में भी अनियमितताओं की ओर इशारा किया।
सुपरलेगा (Super League) का 2021 का प्रकरण उनके लिए व्यक्तिगत त्रासदी जैसा था। एक तरफ जुवेंटस और एग्नेली परिवार के प्रति उनकी गहरी निष्ठा थी, और दूसरी तरफ यूईएफए में एक सदस्य के रूप में उनकी कर्तव्यनिष्ठा। एंड्रिया एग्नेली (जियानी के पोते) ने गोपनीय रूप से सुपरलेगा में शामिल होने का फैसला किया, जिससे यूईएफए अध्यक्ष अलेक्जेंडर सेफेरिन ने इसे “विश्वासघात” बताया। एवेलीना को संदेह की नजर से देखा गया, लेकिन उन्होंने सेफेरिन को अपनी वफादारी का आश्वासन दिया। यह अनुभव इतना दर्दनाक था कि उन्होंने जुवेंटस स्टेडियम में मैच देखना बंद कर दिया, केवल अपनी दोस्त सारा गामा के विदाई मैच के लिए एक अपवाद बनाया। यह घटना खेल जगत की राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच के नाजुक संतुलन को दर्शाती है।
व्यक्तिगत दुख और वर्तमान जुवेंटस
एवेलीना ने एग्नेली परिवार के साथ अपने गहरे संबंधों के कारण एडोआर्डो एग्नेली के दुखद आत्महत्या के दर्द को भी करीब से महसूस किया। एडोआर्डो, जियानी के बेटे, एक “अद्भुत लेकिन नाजुक” लड़का था जो परिवार के भारी “वजन” को सहन नहीं कर सका।
एक पूर्व स्कीयर के रूप में, युवा स्कीयरों की दुखद मौतों (जैसे माटेओ फ्रांजोसो और मैटिल्डे लोरेंजी) ने भी उन्हें गहराई से प्रभावित किया है, और उन्होंने प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल में अंतर पर चिंता व्यक्त की है।
आज, एवेलीना क्रिस्टिलिन अभी भी जुवेंटस को पूरे जुनून के साथ फॉलो करती हैं। उनका मानना है कि वर्तमान जुवेंटस टीम “सम्मानजनक” है। यह शायद ट्रापटोनी, लिप्पी या कोंटे के समय की जुवेंटस जैसी प्रभावशाली नहीं है, लेकिन यह एक ऐसी टीम है जिससे काम चलाया जा सकता है। यह एक ऐसी महिला का दृष्टिकोण है जिसने जुवेंटस के स्वर्णिम युग को देखा है और उसके इतिहास के उतार-चढ़ाव को जिया है।
एवेलीना क्रिस्टिलिन की कहानी सिर्फ फुटबॉल या खेल प्रशासन की कहानी नहीं है; यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने अपने जुनून, निष्ठा और दृढ़ता से एक असाधारण जीवन जिया है, जो खेल की दुनिया में राजनीति, दोस्ती और व्यक्तिगत संघर्षों के बीच अपना रास्ता बनाती रही है। उनकी यात्रा हमें याद दिलाती है कि खेल सिर्फ मैदान पर होने वाले प्रदर्शन से कहीं अधिक गहरा है, यह मानवीय रिश्तों और नैतिक विकल्पों का भी एक जटिल जाल है।