2025 की गर्मियों में, पोलैंड के डेबलीन में स्थित पोलिश वायु सेना विश्वविद्यालय, एक बिल्कुल अलग तरह की “सैन्य कार्रवाई” का गवाह बना। यह कोई युद्ध अभ्यास नहीं, बल्कि 35वीं नाटो शतरंज चैंपियनशिप थी, जहाँ नाटो देशों के सैन्यकर्मी अपनी रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए थे। इस प्रतियोगिता ने यह साबित कर दिया कि असली ताकत सिर्फ शारीरिक बल में नहीं, बल्कि दिमाग की धार और सोच की गहराई में भी छिपी होती है।
तुर्की की धमाकेदार जीत: एक रणनीतिक चाल
इस साल की चैंपियनशिप में 115 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जो इसे अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक बनाता है। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही तुर्की टीम को प्रबल दावेदार माना जा रहा था, और उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप ही प्रदर्शन किया। ग्रैंडमास्टर बतुहान दस्तान (फिडे रेटिंग 2562) के नेतृत्व में, तुर्की ने कुल 23 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। उनकी यह जीत सिर्फ एक टूर्नामेंट जीतने से कहीं अधिक थी; यह उनकी गहरी तैयारी, असाधारण टीम वर्क और शतरंज के मोर्चे पर उनकी बेहतरीन रणनीतिक समझ का परिणाम था। उन्होंने दिखाया कि कैसे एक सुसंगठित टीम दबाव में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती है।
जर्मनी का दृढ़ प्रदर्शन: अनुभव और लचीलेपन का मिश्रण
तुर्की के बाद दूसरे स्थान पर जर्मनी की टीम रही, जिसने 19.5 अंक हासिल किए। जर्मनी ने पोलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी मजबूत टीमों को पछाड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की। चिर-प्रतिद्वंद्वी जर्मनी ने एक बार फिर अपनी मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया, और वो भी तब, जब उनकी टीम के कुछ प्रमुख खिलाड़ी मौजूद नहीं थे। लगता है, जर्मनी की शतरंज टीम आधी आंखें बंद करके भी अपना रास्ता ढूंढ लेती है! यह प्रदर्शन उनकी शतरंज परंपरा और लचीलेपन का प्रमाण है। जर्मनी दुनिया के उन प्रमुख देशों में से एक है जहाँ ग्रैंडमास्टरों की संख्या काफी अधिक है, और उनके शतरंज महासंघ में 90,000 से अधिक सदस्य हैं, जो शतरंज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रोबर्ट स्टीन से बातचीत: एक खिलाड़ी का नज़रिया
जर्मन सशस्त्र बलों के सबसे मजबूत सदस्यों में से एक, एफएम रॉबर्ट स्टीन ने इस चैंपियनशिप में जर्मनी के प्रदर्शन और अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि टीम हमेशा स्वर्ण के लिए प्रयास करती है, लेकिन तुर्की की असाधारण ताकत और कुछ शीर्ष खिलाड़ियों की अनुपस्थिति को देखते हुए, दूसरा स्थान हासिल करना एक बड़ी राहत और उनकी ताकत की पुष्टि थी।
- तैयारी: स्टीन पूरे साल लगातार प्रशिक्षण लेते हैं। चैंपियनशिप से दो हफ्ते पहले, उन्होंने एक जीएम राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट जीता था और अपना दूसरा आईएम नॉर्म हासिल किया था, जो जीएम नॉर्म से बस आधा अंक कम था, जिससे वह पूरे आत्मविश्वास के साथ टूर्नामेंट में उतरे थे।
- यादगार खेल: राउंड 5 में पोलैंड के मार्सिन पिएत्रुस्ज़ेव्स्की के खिलाफ उनका खेल खास रहा, जहाँ उन्होंने “क्वींस गैम्बिट डिक्लाइन्ड” (Queen`s Gambit Declined) में अपने राजा की ओर एक भयंकर हमला किया और चेक-मेट के साथ एक क्लासिक जीत दर्ज की।
- मानसिक फिटनेस: लंबे खेलों के दौरान मानसिक रूप से फिट रहने के लिए, स्टीन बहुत पानी पीते हैं, ब्रेक के दौरान छोटी सैर करते हैं और अपनी शारीरिक फिटनेस पर भरोसा करते हैं।
- नियम परिवर्तन का सुझाव: यदि उन्हें कोई नियम बदलने का मौका मिलता, तो वे 40वीं चाल के बाद 10 मिनट का अतिरिक्त समय जोड़ने की अनुमति देते, जिससे एंडगेम की गुणवत्ता में सुधार होता।
- भविष्य की रणनीति: स्टीन और उनकी टीम अगले साल स्वर्ण पदक वापस जीतने की तैयारी में अभी से जुट गए हैं! यह उनकी प्रतिस्पर्धी भावना और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
शतरंज और सैन्य रणनीति: एक अटूट संबंध
चैंपियनशिप का उद्घाटन पोलिश वायु सेना विश्वविद्यालय के कमांडर, ब्रिगेडियर जनरल पिल. डॉ. क्रिज़्सटॉफ़ कर ने किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि 2025 अकादमी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा। पोलिश शतरंज फेडरेशन के अध्यक्ष राडोस्लाव येडिनक ने सैन्य समुदाय में शतरंज के विकास में कर्नल स्लावोमिर केंड्ज़िएर्स्की के योगदान को रेखांकित किया, जिसके लिए उन्हें संघ का स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। कर्नल केंड्ज़िएर्स्की ने जोर देकर कहा, “शतरंज हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग – दिमाग – को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे अच्छे खेलों में से एक है।” यह प्रतियोगिता न केवल खेल उत्कृष्टता बल्कि नाटो की एकता को भी दर्शाती है।
भविष्य की ओर: लातविया की मेजबानी
समापन समारोह में, नीदरलैंड के ब्रिगेडियर जनरल हेंड्रिक स्टेफर्स के नेतृत्व में, टूर्नामेंट का प्रतीकात्मक `वाइकिंग जहाज` लातविया को सौंप दिया गया, जो 2026 में अगले संस्करण की मेजबानी करेगा। 1989 में अपनी स्थापना के बाद से, नाटो शतरंज चैंपियनशिप रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और गठबंधन निर्माण के लिए एक अद्वितीय मंच बनी हुई है। यह प्रतियोगिता सिर्फ प्यादों को हिलाने से कहीं ज़्यादा है; यह साझा मूल्यों, मानसिक शक्ति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक शक्तिशाली प्रतीक है।

 
																																											 
																																											 
																																											 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								