वॉलीबॉल की दुनिया में नीदरलैंड की महिला राष्ट्रीय टीम का एक लंबा और उतार-चढ़ाव भरा इतिहास रहा है। 1956 में अपनी शुरुआत के बाद से, उन्होंने FIVB वॉलीबॉल महिला विश्व चैम्पियनशिप के 15 संस्करणों में भाग लिया है। लेकिन अब, जब वे 2025 में अपनी 16वीं यात्रा के लिए तैयार हैं, तो माहौल में एक अलग तरह की ऊर्जा और उम्मीद है। इस बार उनका मुकाबला पूल ए में मेजबान थाईलैंड, स्वीडन और मिस्र से होगा। यह सिर्फ एक और भागीदारी नहीं है, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है, जहाँ दशकों के अनुभव और हालिया समर्थन का संगम टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है।
संघर्ष से सफलता तक: नीदरलैंड का ऐतिहासिक सफर
एक समय था जब डच टीम विश्व मंच पर सिर्फ एक `नियमित प्रतिभागी` थी। 1956 से लेकर 1980 के दशक की शुरुआत तक, वे अक्सर शीर्ष 10 से बाहर रहती थीं, 10वें से 17वें स्थान के बीच सिमटी रहती थीं। यह एक लंबा और धैर्यपूर्ण सफर था। लेकिन 1990 के दशक में तस्वीर बदलने लगी। 1990 में 9वां और 1998 में 7वां स्थान हासिल कर उन्होंने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। 2000 के दशक में भी वे शीर्ष समूह के करीब बनी रहीं, 2002 में 9वां और 2006 में 8वां स्थान हासिल किया।
हालांकि, उनकी सबसे बड़ी सफलता 2018 में जापान में मिली। यह वह पल था जब डच वॉलीबॉल ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई। टीम सेमीफाइनल तक पहुंची और ऐतिहासिक रूप से चौथे स्थान पर रही – यह उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इस टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार रणनीति, बेहतरीन संगठन और त्रुटिहीन टीमवर्क का प्रदर्शन किया। यह डच वॉलीबॉल के लिए एक निर्णायक छलांग थी, जिसने दिखाया कि वे सिर्फ `अच्छा खेलने` वाली टीम नहीं, बल्कि `जीतने` वाली टीम बन सकती हैं।
2022 का घरेलू अनुभव और आगे की सीख
2022 में, नीदरलैंड ने पोलैंड के साथ मिलकर विश्व चैंपियनशिप की सह-मेजबानी की। घर में खेलने का दबाव और उम्मीदें हमेशा अलग होती हैं। हालांकि टीम 12वें स्थान पर रही, जो शायद अपेक्षित नहीं था, लेकिन इस आयोजन का देश में वॉलीबॉल के लिए गहरा महत्व था। इस मेजबानी ने वॉलीबॉल को अभूतपूर्व ध्यान दिलाया और प्रशंसकों को अपने घर में शीर्ष स्तर के मैच देखने का मौका मिला। यह ऐसा था जैसे उन्होंने “घर में मेहमान नवाज़ी तो ज़ोरदार की, लेकिन जीत के लड्डू थोड़े कड़वे रहे।” फिर भी, इस अनुभव ने टीम को बहुमूल्य सीख दी, जिसने उन्हें आगामी चुनौतियों के लिए और अधिक मजबूत बनाया।
FIVB का समर्थन: सशक्तिकरण का मार्ग
किसी भी खेल में सफलता के लिए प्रतिभा के साथ-साथ सही समर्थन और निवेश भी आवश्यक होता है। डच वॉलीबॉल फेडरेशन ने FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम के माध्यम से लक्ष्यित सहायता प्राप्त की है। यह सिर्फ एक वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि टीम को सशक्त बनाने का एक रणनीतिक निवेश है। 2023 में उन्हें $216,000 और 2024 में $90,000 मिले, जिससे दो वर्षों में कुल $306,000 का समर्थन प्राप्त हुआ। इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से कोचिंग में सुधार और कोच फेलिक्स कोस्लोव्स्की के नेतृत्व में भविष्य की टीम बनाने पर केंद्रित था। यह निवेश नीदरलैंड की वॉलीबॉल टीम के लिए एक संजीवनी बूटी साबित हुआ है, जो उन्हें वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक संसाधनों से लैस कर रहा है।
2025 विश्व चैंपियनशिप का मार्ग: नई चुनौतियाँ, नई उम्मीदें
2025 विश्व चैम्पियनशिप के लिए उनका मार्ग 2023 यूरोपीय चैम्पियनशिप में उनके तीसरे स्थान के साथ शुरू हुआ, जिसने टूर्नामेंट में उनकी जगह सुरक्षित की। अब पूल ए में, वे 22 अगस्त को स्वीडन, 24 अगस्त को मिस्र और 26 अगस्त को थाईलैंड का सामना करेंगी। 2022 में सह-मेजबान के रूप में खेलने के बाद, नीदरलैंड अब एक `चैलेंजर` के रूप में लौट रहा है, जिसका लक्ष्य थाईलैंड में और भी मजबूत प्रदर्शन करना है। टीम की निगाहें स्पष्ट रूप से पोडियम पर हैं, और वे अपने ऐतिहासिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार करने के लिए उत्सुक हैं।
नीदरलैंड की महिला वॉलीबॉल टीम का यह सफर प्रेरणादायक है। शुरुआती संघर्षों से लेकर 2018 की ऐतिहासिक सफलता और फिर FIVB के मजबूत समर्थन के साथ, वे अब वैश्विक वॉलीबॉल के पावरहाउस के रूप में उभरने के लिए तैयार हैं। उनके पास अनुभव है, रणनीति है और सबसे महत्वपूर्ण, जीत की भूख है। क्या वे 2025 में विश्व चैंपियनशिप का ताज अपने नाम कर पाएंगे? यह तो समय बताएगा, लेकिन एक बात निश्चित है: नीदरलैंड की यह टीम सिर्फ भाग लेने के लिए नहीं, बल्कि इतिहास रचने के लिए आ रही है।