पिछले सप्ताह बुडापेस्ट में हुए `बीच प्रो टूर` के फ्यूचर्स टूर्नामेंट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। रेतीले मैदान पर खिलाड़ियों के पसीने और रणनीति के बीच, एक कहानी उभर कर आई – FIVB वॉलीबॉल एम्पॉवरमेंट कार्यक्रम की सफलता की कहानी। इस कार्यक्रम से समर्थित टीमों ने टूर्नामेंट में कुल छह में से पाँच पदक अपने नाम किए, जिनमें पुरुष और महिला वर्ग दोनों के स्वर्ण पदक शामिल थे। यह सिर्फ़ जीत नहीं, बल्कि खेल विकास में एक नए अध्याय का आरंभ था।
पुरुष वर्ग में नॉर्वे का उदय: अनुभव पर भारी पड़ा जज़्बा
पुरुष वर्ग के फ़ाइनल में नॉर्वे की जोड़ी, निल्स गुन्नार रिंगोएन और 19 वर्षीय एवन स्ट्रे आस ने सबको चौंकाते हुए नीदरलैंड्स के टॉम सोन्नेविले और क्विंटन ग्रोएनवॉल्ड को मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इन दोनों युवा खिलाड़ियों ने अपनी ऊर्जा और बेहतरीन खेल से यह साबित कर दिया कि बीच वॉलीबॉल में उम्र सिर्फ एक आंकड़ा है। पांचों मैच जीतकर उन्होंने अपने पहले बीच प्रो टूर स्वर्ण पदक का स्वाद चखा। यह जीत उनकी लगन और नार्वेजियन वॉलीबॉल फेडरेशन को FIVB वॉलीबॉल एम्पॉवरमेंट से मिली 252,000 अमेरिकी डॉलर की कोचिंग सहायता का सीधा परिणाम थी। जब युवा खिलाड़ियों को सही कोच और संसाधन मिलते हैं, तो वे पहाड़ भी हिला सकते हैं – और बुडापेस्ट में उन्होंने रेत के टीले ज़रूर हिला दिए!
घरेलू दर्शकों को भी निराश नहीं होना पड़ा, जब हंगरी के आर्टुर हाजोस और बेंस अटिला स्ट्रेली ने कांस्य पदक जीता। उनकी यह तीसरी बीच प्रो टूर पोडियम फिनिश थी, जो हंगरी के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।
महिला वर्ग में चेकिया का दबदबा: आत्मविश्वास से भरी पहली जीत
महिला वर्ग में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी। चेकिया की वेरोनिका क्लेइबोवा और एंड्रिया लोरेंज़ोवा ने लिथुआनिया की इवा दुंबाउसकाइट और गेरडा ग्रुदज़िन्सकाइट को हराकर स्वर्ण पदक जीता। 19 वर्षीय वेरोनिका और एंड्रिया के लिए यह उनका पहला बीच प्रो टूर पोडियम था, लेकिन उन्होंने इसे सीधे स्वर्ण में बदल कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सिर्फ एक सेट गंवाया, जो उनके बेहतरीन फॉर्म और आत्मविश्वास को दर्शाता है। चेक वॉलीबॉल फेडरेशन को FIVB एम्पॉवरमेंट से महिला टीमों के लिए 168,000 अमेरिकी डॉलर की कोचिंग सहायता मिली थी, और यह स्पष्ट है कि यह निवेश रंग लाया है।
लिथुआनियाई टीम के लिए यह साल का तीसरा रजत पदक था, जो उनकी निरंतरता को दर्शाता है, भले ही इस बार उन्हें सोने से चूकना पड़ा। स्पेन की एना वेर्गारा और नज़ारेत फ्लोरियान ने कांस्य पदक जीतकर अपनी पहली संयुक्त उपस्थिति को यादगार बनाया।
FIVB एम्पॉवरमेंट: खेल के भविष्य में एक रणनीतिक निवेश
बुडापेस्ट फ्यूचर्स का यह नतीजा सिर्फ खेल प्रतियोगिताओं की एक रिपोर्ट नहीं है, बल्कि FIVB वॉलीबॉल एम्पॉवरमेंट कार्यक्रम की दूरदर्शिता का प्रमाण है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय वॉलीबॉल फेडरेशनों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है, जिससे वे अपने खिलाड़ियों और कोचों को बेहतर प्रशिक्षण दे सकें। नॉर्वे, नीदरलैंड्स, हंगरी, चेकिया और लिथुआनिया जैसे देशों को मिली लाखों डॉलर की सहायता ने सीधे तौर पर इन युवा प्रतिभाओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मंच दिया।
यह कार्यक्रम सिर्फ पदक जीतने के लिए नहीं है, बल्कि खेल को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने, युवा प्रतिभाओं को निखारने और वॉलीबॉल को हर कोने तक पहुंचाने के लिए है। यह भविष्य में एक निवेश है, जिसका फल हम बुडापेस्ट जैसे मंचों पर देख रहे हैं।
कुल मिलाकर, 24 विभिन्न देशों के 25 पुरुष और 28 महिला जोड़ों ने बुडापेस्ट फ्यूचर्स में भाग लिया, जो खेल की बढ़ती लोकप्रियता और विविधता को दर्शाता है। अगला पड़ाव पोलैंड के वारसॉ में होगा, जहाँ 11 से 14 सितंबर तक महिला फ्यूचर्स इवेंट्स आयोजित होंगे। बुडापेस्ट में लिखी गई यह कहानी निश्चित रूप से अन्य युवा खिलाड़ियों और राष्ट्रीय फेडरेशनों को प्रेरित करेगी कि सही दिशा में किया गया प्रयास और निवेश, अप्रत्याशित सफलताएँ दिला सकता है। यह सिर्फ खेल नहीं, यह तो उम्मीद और क्षमता का प्रतीक है!