ब्रनो फ्यूचर्स: जब सशक्तिकरण ने दिलाया पोडियम का सम्मान

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चेक गणराज्य के ब्रनो शहर में हाल ही में संपन्न हुए बीच प्रो टूर (Beach Pro Tour) के ब्रनो फ्यूचर्स (Brno Futures) टूर्नामेंट ने वॉलीबॉल प्रेमियों को रोमांचित कर दिया। यह सिर्फ रेत और खिलाड़ियों का खेल नहीं था, बल्कि वैश्विक सहयोग और समर्पण की एक अद्भुत गाथा थी, जहाँ एफआईवीबी (FIVB) के वॉलीबॉल सशक्तिकरण (Volleyball Empowerment) कार्यक्रम का सीधा प्रभाव देखने को मिला। चेक गणराज्य, फ्रांस, एस्टोनिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की टीमें, जिन्हें इस विशेष कार्यक्रम का समर्थन प्राप्त है, ने पोडियम पर अपनी धाक जमाई और यह साबित कर दिया कि सही दिशा में मिला समर्थन, खेल के नक्शे को कैसे बदल सकता है।

ब्रनो फ्यूचर्स महिला पोडियम पर एफआईवीबी सशक्तिकरण टीमें
ब्रनो फ्यूचर्स के महिला वर्ग में पदक विजेता टीमें, एफआईवीबी सशक्तिकरण कार्यक्रम की सफलता का प्रतीक।

सशक्तिकरण का जादू: पोडियम पर महिला टीमों का दबदबा

महिला वर्ग में, पोडियम के तीनों पायदानों पर एफआईवीबी वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम द्वारा समर्थित टीमों का कब्जा रहा। यह एक ऐसी जीत थी जिसने न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा बल्कि इस वैश्विक पहल की प्रभावशीलता को भी उजागर किया। ऐसा लग रहा था मानो यह सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि एक अच्छी तरह से बनाई गई रणनीति का परिणाम था, जहाँ सही दिशा में मिला प्रोत्साहन खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हुआ।

  • स्वर्ण पदक: चेक गणराज्य की वैलेरी डिवोर्निकोवा और माइकला ब्रिन्कोवा ने अपने करियर का पहला बीच प्रो टूर स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया। यह उनका पहला संयुक्त पोडियम था, और उन्होंने फाइनल में फ्रांस की टीम को कड़ी टक्कर के बाद मात दी।
  • रजत पदक: फ्रांस की एल्सा डेस्कैम्प्स और आनौक डुपिन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया। डुपिन के लिए, यह इस साल का छठा पोडियम फिनिश था, जो उनकी निरंतरता और लगन को दर्शाता है।
  • कांस्य पदक: एस्टोनिया की हेलीन होलास और लीसा रेम्मेलग ने कांस्य पदक जीता, जो बीच प्रो टूर में उनका आठवां पदक था। यह उनकी अनुभव और दृढ़ता का प्रमाण है, जो उन्हें बार-बार शीर्ष पर पहुंचाता है।

चेक गणराज्य की डिवोर्निकोवा और ब्रिन्कोवा ने सेमी-फाइनल में अपनी ही देश की अन्ना पोस्पिसिलोवा और डैनिएला मोकरा को 2-1 से हराया, जिसके बाद फाइनल में फ्रांस की डेस्कैम्प्स और डुपिन के खिलाफ 2-1 से एक रोमांचक वापसी की जीत दर्ज की। यह जीत उनके लिए एक बड़ा मील का पत्थर है और चेक बीच वॉलीबॉल के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।

पुरुषों के वर्ग में चेक गणराज्य का दबदबा और स्विस चमक

पुरुषों के वर्ग में, चेक गणराज्य के खिलाड़ियों ने अपने घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन स्विट्जरलैंड की सशक्तिकरण समर्थित टीम भी पोडियम पर जगह बनाने में सफल रही, जो इस कार्यक्रम की व्यापक पहुंच को दर्शाता है।

  • स्वर्ण पदक: चेक गणराज्य के जाकूब सेपका और जिरी सेडलक ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण पदक जीता। यह उनका दूसरा बीच प्रो टूर स्वर्ण था और उन्होंने अपने देश के लिए एक और गौरवपूर्ण पल जोड़ा।
  • रजत पदक: चेक गणराज्य के एडम वेबर और माट्यास जेजेक ने रजत पदक जीता, जो ब्रनो फ्यूचर्स में उनकी लगातार दूसरी रजत पदक जीत थी। ऐसा लगता है कि वे ब्रनो के रेत पर अपनी खास छाप छोड़ चुके हैं।
  • कांस्य पदक: स्विट्जरलैंड के फ्लोरियन ब्रीर और लूस फ्लूकियर ने स्लोवाकिया की टीम को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। यह उनके लिए दूसरा बीच प्रो टूर पदक था, जो यह दर्शाता है कि एफआईवीबी का समर्थन कैसे उन्हें शीर्ष स्तर पर पहुंचने में मदद कर रहा है।
ब्रनो फ्यूचर्स पुरुष पोडियम पर एफआईवीबी सशक्तिकरण टीमें
ब्रनो फ्यूचर्स के पुरुष वर्ग में चेक गणराज्य का दबदबा और स्विट्जरलैंड की कांस्य पदक विजेता टीम।

वॉलीबॉल सशक्तिकरण: सफलता की नींव और भविष्य का रोडमैप

इन जीत के पीछे एफआईवीबी वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय फेडरेशनों को कोच समर्थन और उपकरण प्रदान करके एथलीटों के विकास में सहायता करता है। यह सिर्फ एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम नहीं है; यह एक रणनीतिक निवेश है जो प्रतिभा को पहचानता है, उसे निखारता है, और उसे विश्व मंच पर चमकने का अवसर देता है। जरा आंकड़ों पर गौर करें तो यह साफ हो जाता है कि यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि सही निवेश है, जिसके दीर्घकालिक परिणाम सामने आ रहे हैं:

चेक वॉलीबॉल फेडरेशन को महिला बीच वॉलीबॉल टीमों के लिए $168,000 और राष्ट्रीय टीम कोच विकास कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त $24,000 प्राप्त हुए हैं। उनकी महिला टीमें अर्जेंटीना के कोच सेबेस्टियन मेनेगोज़ो की विशेषज्ञता का लाभ उठा रही हैं। यह स्पष्ट है कि यह निवेश रंग ला रहा है।

फ्रांस के बीच वॉलीबॉल विभाग को अब तक कुल $1,077,000 का कोच समर्थन मिला है। उनकी महिला राष्ट्रीय टीमें पेरिस 2024 ओलंपियन यूसेफ क्रो के मार्गदर्शन में काम कर रही हैं, जो उन्हें ओलंपिक स्तर की तैयारी का अनुभव दे रहा है।

एस्टोनियाई वॉलीबॉल फेडरेशन को राष्ट्रीय टीमों के लिए $168,000 का कोच समर्थन और $11,500 के बीच वॉलीबॉल उपकरण प्राप्त हुए हैं। उनकी टीमें बीजिंग 2008 ओलंपियन रिवो वेसिक की देखरेख में प्रशिक्षित हो रही हैं, एक ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने खुद ओलंपिक मंच पर अपनी पहचान बनाई है।

स्विस वॉलीबॉल के बीच वॉलीबॉल विभाग को अब तक $366,000 का कोच समर्थन मिला है, जिससे उनकी पुरुष टीमें कोच फिलिप गैबाथुलर के निर्देश पर काम कर रही हैं। यह साझेदारी उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में मजबूत बना रही है।

यह स्पष्ट है कि यह वित्तीय सहायता और विशेषज्ञ कोचिंग एथलीटों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और जीतने के लिए आवश्यक बढ़त प्रदान कर रही है। यह सिर्फ पदक जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि युवा प्रतिभाओं को पोषण देने, कोचिंग मानकों को ऊपर उठाने और खेल को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने के बारे में है। यह कार्यक्रम दिखाता है कि कैसे संरचित समर्थन किसी खेल के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर सकता है।

आगे की राह: निरंतरता और प्रेरणा

ब्रनो फ्यूचर्स में देखी गई सफलता एक संकेत है कि वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम सही दिशा में है। यह न केवल वर्तमान चैंपियन तैयार कर रहा है, बल्कि भविष्य के सितारों के लिए भी मार्ग प्रशस्त कर रहा है। कुल 21 विभिन्न फेडरेशनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 28 महिला और 28 पुरुष युगल ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया, जो खेल की बढ़ती वैश्विक पहुंच और प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है। यह एक स्पष्ट संदेश है: बीच वॉलीबॉल का भविष्य उज्ज्वल है, और एफआईवीबी का सशक्तिकरण कार्यक्रम उसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अगले फ्यूचर्स इवेंट्स 4 से 7 सितंबर तक बुडापेस्ट, हंगरी और वारसॉ, पोलैंड में होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सशक्तिकरण समर्थित टीमें वहाँ भी अपना दबदबा कायम रख पाती हैं। एक बात तो तय है: जब प्रतिभा को सही समर्थन मिलता है, तो परिणाम अद्भुत होते हैं, और वॉलीबॉल का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल दिख रहा है!

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धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।