ब्राजील के वॉलीबॉल इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जहाँ एक युवा खिलाड़ी अपने पिता की महान विरासत को न केवल सम्मान दे रहा है, बल्कि उसे पार करने का भी सपना देख रहा है। मिलिए लुकास रिगुई से, जिनके रगों में सचमुच “सुनहरा खून” दौड़ता है।
जब बात ब्राजीलियन वॉलीबॉल की आती है, तो कुछ नाम ऐसे हैं जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हैं। इनमें से एक नाम है जेनेल्सन कार्वाल्हो, जिन्होंने 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में ब्राजील को पुरुषों का पहला वॉलीबॉल स्वर्ण पदक दिलाया था। आज उन्हीं की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं उनके 16 वर्षीय बेटे, लुकास रिगुई कार्वाल्हो। लुकास, अपने पिता की ही तरह आउटसाइड हिटर की भूमिका में, U19 विश्व चैंपियनशिप 2025 में अपनी एक अलग पहचान गढ़ रहे हैं।
मैदान पर चमकता सितारा
उज़्बेकिस्तान में चल रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में लुकास ब्राजील के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरे हैं। उन्होंने न केवल अपने खेल से बड़े अंक बटोरे हैं, बल्कि दबाव भरे पलों में भी शांत और परिपक्व नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। 2025 के सत्र में उनका औसत 13 अंक प्रति मैच रहा है, जिसमें उज़्बेकिस्तान के खिलाफ टीम-हाई 18 अंक और फ्रांस व फिनलैंड के खिलाफ 15-15 अंक शामिल हैं। यह आंकड़े किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए प्रभावशाली हैं, और लुकास के आत्मविश्वास का परिचय देते हैं।
उज़्बेकिस्तान के साथ हुए मैच को याद करते हुए लुकास ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक अच्छा मैच था। उज़्बेकिस्तान की टीम बहुत संपूर्ण और मजबूत है, उनके आउटसाइड हिटर वाकई दमदार हैं। लेकिन हम अपनी लय में खेल पाए। हमने कम गलतियाँ कीं, अधिक ब्लॉक किए और बेहतर अटैक किए। मुझे लगता है कि यही हमारी जीत का कारण बना।” यह टिप्पणी उनकी खेल समझ और विनम्रता को दर्शाती है।
विरासत का आशीर्वाद और महत्वाकांक्षा का बोझ
घर में एक ओलंपिक चैंपियन पिता का होना किसी भी युवा एथलीट के लिए एक अनमोल उपहार है। जेनेल्सन, जिन्हें ब्राजील की `गोल्डन जनरेशन` का हिस्सा माना जाता है, अपने बेटे को लगातार सलाह देते रहते हैं। पासिंग से लेकर अटैक तक, पिता-पुत्र की यह जोड़ी मैदान के बाहर भी वॉलीबॉल के गुर सिखाती है। लुकास बताते हैं, “घर में एक रोल मॉडल का होना हमेशा अच्छा होता है। वह हमेशा मेरी मदद करते हैं, टिप्स देते हैं कि पासिंग और अटैक में क्या अच्छा है।”
लेकिन यह विरासत सिर्फ एक आशीर्वाद नहीं, बल्कि एक चुनौती भी है। कल्पना कीजिए, आपके घर में पहले से ही आपका सबसे बड़ा सपना, एक ओलंपिक स्वर्ण पदक, मौजूद हो – भले ही वह आपका न हो। लुकास इस दबाव को समझते हैं और उसे प्रेरणा में बदलते हैं। इस बात में एक सूक्ष्म विडंबना भी है कि जो उपलब्धि कई खिलाड़ियों का आजीवन स्वप्न होती है, वह इस युवा के घर में पहले से मौजूद है, पर फिर भी लुकास के लिए वह एक नया लक्ष्य है। “यह जानकर अविश्वसनीय लगता है कि मेरा सबसे बड़ा सपना पहले से ही घर पर है, भले ही वह मेरा न हो। लेकिन यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि यह मेरे पिता का है, जिनसे मैं बहुत प्यार करता हूँ।”
“मैं हमेशा अपने दिमाग में रखता हूँ कि मुझे अपने पिता से बेहतर बनना है। हर प्रैक्टिस में, हर बॉल पर, मैं अपना सब कुछ देता हूँ ताकि मैं उनसे बेहतर बन सकूँ।”
यह वाक्य लुकास की असाधारण महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। यह सिर्फ पिता को सम्मान देने की बात नहीं है, बल्कि उनसे भी आगे निकलने की एक खिलाड़ी की स्वाभाविक ललक है। यह एक ऐसी प्रेरणा है जो उन्हें हर दिन कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित करती है।
निजी चेकपॉइंट और भविष्य की उड़ान
लुकास के लिए U19 विश्व चैंपियनशिप सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक “निजी चेकपॉइंट” है। “मुझे लगता है कि यह अद्भुत रहा है,” वे कहते हैं। “मुझे यह जानने को मिलता है कि दूसरे देशों के मेरे हमउम्र एथलीट कैसे हैं। यह जानना अच्छा है कि मैं कहाँ खड़ा हूँ, मेरा स्तर क्या है, और टीमों का स्तर क्या है।” यह परिपक्व सोच उन्हें अपने खेल को लगातार निखारने में मदद करती है।
वॉलीबॉल से परे का जीवन
मैदान के बाहर, लुकास रिगुई भी किसी आम किशोर की तरह ही हैं। उन्हें वीडियो गेम खेलना, दोस्तों के साथ समय बिताना और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहना पसंद है। लेकिन परिवार हमेशा उनके जीवन का केंद्र रहा है। “घर जाना, अपने माता-पिता से मिलना और घर की याद मिटाना हमेशा अच्छा लगता है,” वे बताते हैं। यह उन्हें जमीन से जोड़े रखता है और खेल के दबावों से राहत देता है।
एक सपने की निरंतर खोज
लुकास रिगुई जो कुछ भी करते हैं, वह एक बड़े लक्ष्य से प्रेरित होता है, जिसे उन्होंने कभी छोड़ा नहीं है। “मेरा सपना हमेशा हर विश्व चैंपियनशिप में अपनी लय में खेलने का है, बिना उतार-चढ़ाव के,” लुकास कहते हैं। “और एक दिन अपने पिता की तरह ओलंपिक चैंपियन बनना, और उनसे भी बेहतर।”
लुकास की यह यात्रा अभी लंबी है, लेकिन उनकी प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और अपने पिता की विरासत को पार करने की महत्वाकांक्षा उन्हें ब्राजीलियन वॉलीबॉल के अगले महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखती है। यह कहानी सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि एक युवा के सपनों, संघर्षों और सफलता की अटूट इच्छाशक्ति की है, जो हमें प्रेरित करती है कि अपनी जड़ों का सम्मान करते हुए भी, आसमान को छूने का हौसला रखें।