बिल ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन: फेडोसीव का ताज, एक चाल का अंतर!

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बारह दिनों के गहन मुकाबले और अनगिनत रणनीतिक चालों के बाद, बिल ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन का पर्दा गिर चुका है। इस प्रतिष्ठित शतरंज महोत्सव में, विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों ने अपनी बुद्धि और कौशल का परिचय दिया। लेकिन अंत में, विजेता का ताज उसी के सिर सजा, जिसने दबाव में भी अपनी एकाग्रता बनाए रखी और अप्रत्याशित `टाई-ब्रेक` के नियम को अपने पक्ष में मोड़ लिया।

शतरंज की बिसात पर एक बाल बराबर फासला

ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन मास्टर्स वर्ग में, जैसा कि अक्सर होता है, प्रतियोगिता अपनी चरम सीमा पर पहुंची। उम्मीदों के मुताबिक, विश्व के शीर्ष १६वें वरीयता प्राप्त खिलाड़ी, रूस के व्लादिमीर फेडोसीव और विश्व के २४वें वरीयता प्राप्त भारतीय ग्रैंडमास्टर अरविंद चिदंबरम के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। २३ क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज़ गेम्स के बाद, दोनों खिलाड़ी २८.५ अंकों के साथ बराबरी पर थे। यह एक ऐसी स्थिति थी, जहाँ दर्शक अपनी साँसें थामे हुए थे।

लेकिन शतरंज की दुनिया में सिर्फ़ जीत या हार मायने नहीं रखती, कभी-कभी `टाई-ब्रेक` का अजीबोगरीब नियम भी विजेता तय कर देता है! और इस बार, यही हुआ। फेडोसीव ने टूर्नामेंट के पहले दिन आयोजित एक्सेंटस शतरंज ९६० (Chess960) मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन किया था, और इसी प्रदर्शन के आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया। एक तरह से, मुख्य टूर्नामेंट में १२ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, विजेता का फैसला कुछ ही घंटों के एक `फ़िशर रैंडम चेस` गेम ने कर दिया। वाकई, शतरंज कभी-कभी अपनी ही शर्तों पर खेला जाता है!

पोडियम पर चमके अन्य सितारे

मास्टर्स वर्ग में तीसरा स्थान संयुक्त अरब अमीरात के ग्रैंडमास्टर सालेह सलेम ने हासिल किया। सलेम, जो टूर्नामेंट में एक `आउटसाइडर` के तौर पर उतरे थे (विश्व के शीर्ष १०० खिलाड़ियों में शामिल न होने वाले एकमात्र खिलाड़ी), ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। पिछले साल के जीएमटी-चैलेंजर्स के विजेता सलेम ने बिल में ११वीं बार खेलते हुए यह साबित कर दिया कि यह शतरंज महोत्सव उनके लिए किसी घर जैसा ही है।

वहीं, जीएमटी-चैलेंजर्स वर्ग में ग्रीस के निकोलस थियोडोरू ने खिताब जीता, जबकि आर्मेनिया के आराम हाकोबयान दूसरे और कजाकिस्तान के रिनत जुमाबायेव तीसरे स्थान पर रहे।

पारंपरिक ओपन मास्टर टूर्नामेंट (MTO) में भारतीय ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली ने बाज़ी मारी। प्रणव आनंद दूसरे और मुस्तफा यिलमाज़ तीसरे स्थान पर रहे। यह भारतीय शतरंज के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि हमारे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

अंतिम चालों का विश्लेषण

अंतिम राउंड में अरविंद चिदंबरम ने वोल्दोर मुर्ज़िन के खिलाफ ड्रॉ खेला। यह खेल काफी संतुलित था और अरविंद को जीत के लिए कोई खास अवसर नहीं मिल पाया। दूसरी ओर, फेडोसीव और सालेम के बीच का खेल अलग था। एक सीधी-सादी चालों वाले गेम में, फेडोसीव ने अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए यह दिखा दिया कि वे विश्व के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक क्यों हैं।

यह बिल ग्रैंडमास्टर ट्रायथलॉन एक बार फिर शतरंज के रोमांच और अनिश्चितता का बेहतरीन उदाहरण रहा। विजेताओं को हार्दिक बधाई और सभी प्रतिभागियों को उनके अविश्वसनीय प्रदर्शन के लिए साधुवाद। अगली बार, जब शतरंज की बिसात बिछेगी, तो शायद फिर कोई अप्रत्याशित हीरो सामने आएगा, या कोई टाई-ब्रेक इतिहास रच देगा!

शतरंज की दुनिया में यह कहना मुश्किल है कि कौन सी चाल निर्णायक साबित होगी – एक शानदार क्वीन सैक्रिफाइस, या पहले दिन का एक गुमनाम टाई-ब्रेक मैच!

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।