बिएल जीएमटी मास्टर्स: ‘शांति’ से शीर्ष पर लौटे अरविंद चिदंबरम, फेडोसीव का ‘पतन’!

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स्विट्जरलैंड के सुरम्य शहर बिएल में चल रहे प्रतिष्ठित जीएमटी मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर अरविंद चिदंबरम ने एक बार फिर अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। यह बदलाव टूर्नामेंट में आए एक अप्रत्याशित मोड़ का नतीजा है, जहाँ पूर्व नेता व्लादिमीर फेडोसीव को एक रोमांचक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। शतरंज की बिसात पर हर चाल एक कहानी लिखती है, और बिएल में इस सप्ताह की कहानियाँ निश्चित रूप से अप्रत्याशित और नाटकीय रही हैं।

अरविंद की `शांत` वापसी

अरविंद चिदंबरम ने अपनी बाज़ी जीतकर या किसी बड़े उलटफेर के साथ शीर्ष पर वापसी नहीं की। बल्कि, उनकी वापसी पोलैंड के ग्रैंडमास्टर रेडोस्लाव वोज्टाशेख के खिलाफ एक शांतिपूर्ण ड्रॉ के माध्यम से हुई। इस खेल में, वोज्टाशेख के पास सफेद मोहरों से थोड़ा फायदा था, लेकिन अंततः उन्होंने लगातार चालों की पुनरावृत्ति (repetition) के साथ ड्रॉ पर सहमति व्यक्त की। शतरंज में कभी-कभी यह साबित हो जाता है कि जीतना उतना महत्वपूर्ण नहीं होता, जितना कि सही समय पर ड्रॉ खेलना – और अरविंद ने यह बखूबी साबित किया। उनका धैर्य और रणनीतिक समझ इस बात का प्रमाण है कि शीर्ष पर पहुँचने के लिए हमेशा आक्रामक खेल ही एकमात्र रास्ता नहीं होता, बल्कि कभी-कभी प्रतिद्वंद्वी की गलती का इंतजार करना भी एक कला है।

फेडोसीव का अप्रत्याशित झटका और सालेम की चमक

अरविंद के लिए रास्ता साफ करने वाला सबसे नाटकीय क्षण संयुक्त अरब अमीरात के सालेह सालेम और पूर्व नेता व्लादिमीर फेडोसीव के बीच का मुकाबला रहा। सालेम, जो पिछले साल के चैलेंजर विजेता हैं और इस मास्टर्स टूर्नामेंट में नाममात्र सबसे कमजोर खिलाड़ी माने जाते हैं, ने एक शानदार खेल दिखाते हुए फेडोसीव को मात दी। सफेद मोहरों के साथ खेलते हुए, सालेम ने फेडोसीव पर शुरुआती दबाव बनाया और 55 चालों के बाद उन्हें हार मानने पर मजबूर कर दिया।

यह शतरंज की एक विडंबना ही है कि सालेह सालेम, जिनके पास शास्त्रीय खेलों में एक उत्कृष्ट रिकॉर्ड (दो जीत और दो ड्रॉ) है, वे अपनी धीमी गति की प्रतिभा के कारण ही सुर्खियों में आते हैं। वहीं, रैपिड गेम्स में उनके कमजोर प्रदर्शन के कारण वे हमेशा शीर्ष रैंकिंग से दूर रहे हैं। उनकी यह जीत उन्हें अंक तालिका में तीसरे स्थान पर ले आई है, जो उनके निरंतर बेहतर प्रदर्शन का नतीजा है। यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी की असली ताकत उसकी अनुकूलन क्षमता में निहित होती है, भले ही वह कुछ प्रारूपों में पिछड़ रहा हो।

अन्य महत्वपूर्ण मुकाबले

  • फ्रेडरिक स्वेन बनाम वोलोडार मुर्ज़िन: तीसरी बोर्ड पर, फ्रेडरिक स्वेन और वोलोडार मुर्ज़िन आमने-सामने थे। स्वेन ने सफेद मोहरों के साथ फायदा हासिल किया, लेकिन इसे बरकरार नहीं रख पाए। 19वें जन्मदिन मना रहे मुर्ज़िन के लिए यह ड्रॉ निश्चित रूप से बुरा नतीजा नहीं था। एक युवा खिलाड़ी के लिए जन्मदिन पर ड्रॉ भी एक तरह की जीत ही है, खासकर तब जब वह दिग्गज खिलाड़ियों से भिड़ रहा हो।
  • जीएमटी-चैलेंजर्स टूर्नामेंट: इस श्रेणी में सभी मैच ड्रॉ रहे, जो थियोडोरू और हाकोबयान जैसे खिलाड़ियों के लिए अगले सप्ताह के अंतिम चरण में प्रगति की संभावनाओं को बढ़ा देगा। ड्रॉ की एक श्रृंखला अक्सर यह संकेत देती है कि प्रतिस्पर्धा कितनी कड़ी और संतुलित है।

टूर्नामेंट का आगे का रुख

फिलहाल, अरविंद चिदंबरम एक बार फिर बिएल जीएमटी मास्टर्स के शीर्ष पर हैं। इस रोमांचक मोड़ के साथ, टूर्नामेंट का अंतिम चरण और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है। हर खिलाड़ी अपनी सर्वश्रेष्ठ चालों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेगा, और शतरंज प्रेमियों के लिए यह सप्ताह निश्चित रूप से यादगार रहने वाला है। कौन बाज़ी मारेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात निश्चित है – बिएल में शतरंज का जादू अपने चरम पर है!

धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।