बील शतरंज महोत्सव: शतरंज का अनोखा ‘ट्रायथलॉन’

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बील शतरंज महोत्सव 2025: अनूठा प्रारूप और मुख्य बातें

बील शतरंज महोत्सव, जिसे अक्सर शतरंज जगत में एक अनूठे आयोजन के तौर पर देखा जाता है, एक बार फिर चर्चा में है। यह महोत्सव अपने खास `शतरंज ट्रायथलॉन` प्रारूप के लिए जाना जाता है, जो दुनिया भर के शतरंज आयोजनों को प्रेरित कर रहा है। 2025 में आयोजित होने वाला यह महोत्सव भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाएगा।

`शतरंज ट्रायथलॉन` क्या है?

इस प्रारूप में खिलाड़ी सिर्फ एक तरह की शतरंज नहीं खेलते, बल्कि तीन अलग-अलग गति के खेलों में अपनी महारत साबित करते हैं: क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज़। यह खिलाड़ियों की हर पहलू में परीक्षा लेता है – धैर्य, गति और रणनीति। क्लासिकल में जहां गहरे विचार और सटीकता की ज़रूरत होती है, वहीं रैपिड और ब्लिट्ज़ में तेज़ी और अनुकूलन क्षमता निर्णायक होती है। इस तरह, यह प्रारूप वास्तव में सबसे संपूर्ण शतरंज खिलाड़ी का पता लगाने में मदद करता है।

टूर्नामेंट की संरचना

महोत्सव में दो प्रमुख टूर्नामेंट होते हैं: मास्टर्स और चैलेंजर्स। हर टूर्नामेंट में छह शीर्ष खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है। टूर्नामेंट दो मुख्य चरणों में विभाजित होता है: क्वालिफिकेशन और फाइनल।

क्वालिफिकेशन चरण

इस चरण में तीन अलग-अलग समय नियंत्रणों में मुकाबले होते हैं:

  • क्लासिकल: यह चरण राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला जाता है, जहां हर खिलाड़ी दूसरे से एक बार मुकाबला करता है।
  • रैपिड: यह भी राउंड रॉबिन फॉर्मेट में होता है, लेकिन क्लासिकल गेम के मुकाबले रंगों की अदला-बदली हो जाती है (अगर क्लासिकल में सफ़ेद से खेला, तो रैपिड में काले से)।
  • ब्लिट्ज़: यह डबल राउंड रॉबिन फॉर्मेट में होता है, यानी हर खिलाड़ी दूसरे से दो बार खेलता है (एक बार सफ़ेद से, एक बार काले से)।

इन सभी चरणों से मिले अंकों के आधार पर खिलाड़ियों की एक संयुक्त रैंकिंग तैयार की जाती है।

अंक प्रणाली

क्वालिफिकेशन चरण में हर गति के खेल के लिए अलग अंक प्रणाली है ताकि हर गेम का महत्व बना रहे और सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को फायदा मिले:

  • क्लासिकल: जीत पर 4 अंक, ड्रॉ पर 1.5 अंक, हार पर 0 अंक।
  • रैपिड: जीत पर 2 अंक, ड्रॉ पर 1 अंक, हार पर 0 अंक।
  • ब्लिट्ज़: जीत पर 1 अंक, ड्रॉ पर 0.5 अंक, हार पर 0 अंक।

यह प्रणाली खिलाड़ियों को हर गेम में पूरी कोशिश करने के लिए प्रेरित करती है, क्योंकि हर पॉइंट फाइनल स्टैंडिंग में महत्वपूर्ण हो सकता है।

फाइनल चरण

क्वालिफिकेशन के अंत में शीर्ष पर रहने वाले खिलाड़ी (आमतौर पर टॉप 4) क्लासिकल समय नियंत्रण में वापसी मैच खेलते हैं। हालांकि, यदि चौथे स्थान पर रहा खिलाड़ी पहले स्थान वाले खिलाड़ी से 12 पॉइंट से ज़्यादा पीछे है, तो केवल शीर्ष 3 खिलाड़ी ही फाइनल चरण में प्रवेश करते हैं। क्वालिफिकेशन चरण में प्राप्त किए गए अंक फाइनल चरण में भी गिने जाते हैं, जिससे शुरुआती चरणों का महत्व बना रहता है।

टाईब्रेकर: फ्रीस्टाइल शतरंज (शतरंज960)

यदि टूर्नामेंट के अंत में दो या दो से अधिक खिलाड़ियों के अंक बराबर होते हैं, तो टाईब्रेकर के रूप में फ्रीस्टाइल शतरंज (शतरंज960) ओपनिंग टूर्नामेंट खेला जाता है। यह एक रोमांचक तरीका है टाई को तोड़ने का, क्योंकि इसमें पारंपरिक ओपनिंग की तैयारी काम नहीं आती और खिलाड़ियों को अपनी रचनात्मकता और तात्कालिक रणनीति पर निर्भर रहना पड़ता है। यह प्रारूप अनिश्चितता और नएपन का तत्व जोड़ता है, जो दर्शकों को भी पसंद आता है।

बील का यह प्रारूप शतरंज को और भी रोमांचक बनाता है। यह दिखाता है कि कौन सा खिलाड़ी सबसे संपूर्ण है और हर तरह के दबाव और समय नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बील शतरंज महोत्सव 2025 में कौन से खिलाड़ी इस बहुआयामी चुनौती में खुद को साबित कर पाते हैं।

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धीरज मेहता

धीरज मेहता नई दिल्ली के एक खेल पत्रकार हैं जिन्हें बारह साल का अनुभव है। कबड्डी की स्थानीय प्रतियोगिताओं की कवरेज से शुरुआत करने वाले धीरज अब क्रिकेट, फुटबॉल और फील्ड हॉकी पर लिखते हैं। उनके लेख रणनीतिक विश्लेषण में गहराई से जाने के लिए जाने जाते हैं। वे एक साप्ताहिक खेल कॉलम लिखते हैं और लोकप्रिय खेल पोर्टल्स के साथ सक्रिय रूप से काम करते हैं।