बील, स्विट्जरलैंड – शतरंज प्रेमियों का इंतजार खत्म हुआ! प्रतिष्ठित बील शतरंज महोत्सव 2025 अपने पूरे जोश में है, और ग्रैंडमास्टर्स के लिए निर्धारित विश्राम दिवस के ठीक बाद, मास्टर ओपन टूर्नामेंट (MTO) की शुरुआत हो गई है। बील कांग्रेस सेंटर इस समय दुनिया भर से आए 112 शतरंज खिलाड़ियों के जमघट का गवाह बन रहा है, जो अगले दस दिनों तक अपनी सर्वश्रेष्ठ चालों से बिसात पर अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं।
अनुभव और युवा प्रतिभाओं का मिश्रण
मास्टर ओपन टूर्नामेंट की खासियत यह है कि यह अनुभवी दिग्गजों और उभरते युवा सितारों का एक अनूठा मिश्रण है। नौ ग्रैंडमास्टर और सैंतीस अन्य अंतरराष्ट्रीय खिताबधारी खिलाड़ियों के साथ, यह मंच युवा प्रतिभाओं के लिए खुद को साबित करने और अपने आदर्शों को कड़ी टक्कर देने का शानदार अवसर है। टूर्नामेंट का पहला दौर पूरा हो चुका है। खुशी की बात यह है कि किसी भी शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हार का सामना नहीं करना पड़ा, हालांकि दो ग्रैंडमास्टर्स को अपने शुरुआती मुकाबले में ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। यह दर्शाता है कि निचले वरीयता प्राप्त खिलाड़ी भी उलटफेर करने की क्षमता रखते हैं!
विविधता से भरा मैदान: 27 राष्ट्रों की भागीदारी
इस वर्ष के मास्टर ओपन में 27 अलग-अलग देशों के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो इस आयोजन की वैश्विक पहुंच को रेखांकित करता है। खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज़ से, मेजबान स्विट्जरलैंड 32 प्रतिभागियों के साथ सबसे आगे है। उसके बाद जर्मनी (15 खिलाड़ी), भारत (13 खिलाड़ी) और अमेरिका (10 खिलाड़ी) का स्थान आता है। भारतीय दल की मजबूत उपस्थिति निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करने वाली है।
भारतीय सितारे और शीर्ष वरीयता
मास्टर ओपन में शीर्ष वरीयता वाले खिलाड़ी भारतीय ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली (एलो 2650) हैं। उनके बाद नीदरलैंड के जीएम बेंजामिन बोक (एलो 2593) और भारत के ही एक और प्रतिभाशाली खिलाड़ी, जीएम प्रणेश एम (एलो 2592) हैं। भारत के कार्तिकेयन मुरली और प्रणेश एम पर सभी भारतीय प्रशंसकों की निगाहें होंगी, क्योंकि वे टूर्नामेंट जीतने के प्रबल दावेदार हैं। स्विट्जरलैंड के सबसे मजबूत खिलाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय मास्टर फेबियन बैनजिगर (एलो 2450), 11वीं वरीयता के साथ अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं।
ग्रैंडमास्टर्स का `एस्केप` प्लान: शतरंज से हटकर मनोरंजन
जबकि मास्टर ओपन में खिलाड़ी पसीना बहा रहे थे, मुख्य ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट के दिग्गजों ने अपने विश्राम दिवस का उपयोग थोड़ा अलग तरीके से किया। आयोजकों ने उनके लिए एक मजेदार साइड-इवेंट रखा: एस्केप रूम! जरा सोचिए, जो खिलाड़ी घंटों तक 64 खानों की जटिल दुनिया में दिमाग खपा सकते हैं, उन्हें अल्काट्राज़ जेल, अलादीन के जादू या किसी रहस्यमय स्कूल से `भागने` का टास्क दिया गया। यह मानना थोड़ा मुश्किल है कि बिसात पर फंसे हुए मोहरों को छुड़ाने वाले ये धुरंधर, खुद एक कमरे से निकलने का रास्ता तलाश रहे थे! खैर, जैसा कि होना ही था, सभी ग्रैंडमास्टर्स अपनी दिमागी कसरत (इस बार गैर-शतरंज वाली) से सफलतापूर्वक बाहर आ गए। यह पूरे टूर्नामेंट के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि अब वे कल से क्लासिकल खेलों के ट्रायथलॉन में वापस लौटेंगे।
मास्टर ओपन टूर्नामेंट की शुरुआत के साथ, बील शतरंज महोत्सव में रोमांच और प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ गया है। अगले कुछ दिनों में कई शानदार मुकाबले देखने को मिलेंगे, जहां अनुभवी खिलाड़ी अपना दबदबा बनाए रखने की कोशिश करेंगे और युवा खिलाड़ी खुद को साबित करने के लिए तैयार होंगे।