समुद्र तट की सुनहरी रेत, तीव्र प्रतिस्पर्धा और वॉलीबॉल के हर शॉट में छिपी जीत की चाहत – यह सब हमें ब्राजील के जोआओ पेसोआ में आयोजित एफआईवीबी बीच प्रो टूर एलीट इवेंट में देखने को मिला। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था, बल्कि वैश्विक खेल भावना का एक शानदार प्रदर्शन था, जहाँ खिलाड़ियों ने अपने कौशल, दृढ़ संकल्प और कुछ मामलों में, `एफआईवीबी वॉलीबॉल सशक्तिकरण` (FIVB Volleyball Empowerment) कार्यक्रम से मिले समर्थन की बदौलत इतिहास रचा। आइए, इस रोमांचक प्रतियोगिता की गहराई में उतरें और देखें कि कैसे रेत पर योद्धाओं ने अपने नाम किए पदक।
पुरुष वर्ग: ब्राज़ील का दबदबा और फ्रांसीसी `अंडरडॉग` की कहानी
पुरुष वर्ग में, घरेलू दर्शकों का उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट ने ब्राजील के इवांड्रो ओलिवेरा (Evandro Oliveira) और आर्थर मारियानो लांची (Arthur Mariano Lanci) को स्वर्ण पदक की ओर धकेला। अपनी मातृभूमि में खेलते हुए यह उनकी चौथी जीत थी, जो इस बात का प्रमाण है कि घरेलू मैदान पर खेलना अक्सर खिलाड़ियों में एक अतिरिक्त ऊर्जा भर देता है। भले ही उन्होंने मुख्य ड्रॉ में अपनी शुरुआत हार से की थी, लेकिन उसके बाद छह लगातार जीत हासिल करते हुए वे पोडियम के शीर्ष पर पहुँच गए।
वहीं, फ्रांस के रेमी बासेरो (Remi Bassereau) और केल्विन आए (Calvin Aye) ने रजत पदक जीतकर सबको चौंका दिया। यह उनकी `एलीट` स्तर पर पहली और टूर पर कुल दूसरी पदक जीत थी। क्वालिफिकेशन राउंड से अपनी यात्रा शुरू करने और शुरुआती मुख्य ड्रॉ मैच में मौजूदा ओलंपिक चैंपियनों से हारने के बावजूद, उन्होंने असाधारण दृढ़ता दिखाई। 21वीं वरीयता प्राप्त होने के बावजूद, उन्होंने कई बड़े उलटफेर किए, जिसमें सेमीफाइनल में 2013 के विश्व चैंपियन अलेक्जेंडर ब्राउवर (Alexander Brouwer) और स्टीवन वैन डी वेल्डे (Steven van de Velde) की डच जोड़ी को 2-1 से हराना शामिल था। यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती, जहाँ `अंडरडॉग्स` ने अपनी मेहनत से शीर्ष स्थान हासिल किया।
नीदरलैंड के स्टेफान बोर्मन्स (Stefan Boermans) और योरिक डी ग्रूट (Yorick de Groot) ने कांस्य पदक पर कब्जा किया। यह बीच प्रो टूर पर उनका 11वां पोडियम फिनिश था, जो उनकी निरंतरता और उच्च-स्तरीय प्रदर्शन को दर्शाता है। दिलचस्प बात यह है कि कांस्य पदक मैच में उन्होंने अपनी ही देश की जोड़ी ब्राउवर और वैन डी वेल्डे को 2-0 से हराया।
सशक्तिकरण का जादू: जब समर्थन ने बदली किस्मत
इस टूर्नामेंट में फ्रांस और नीदरलैंड्स दोनों टीमों की सफलता में एफआईवीबी वॉलीबॉल सशक्तिकरण कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। फ्रांस को कोच समर्थन के लिए 1,077,000 अमेरिकी डॉलर और बीच वॉलीबॉल उपकरण के लिए 5,500 अमेरिकी डॉलर मिले हैं। ब्राज़ीलियाई कोच कैलविस लोपेस (Calvis Lopes) के मार्गदर्शन में, फ्रांसीसी पुरुष टीमें नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
इसी तरह, नीदरलैंड्स वॉलीबॉल फेडरेशन (नेवोबो) को भी राष्ट्रीय बीच वॉलीबॉल टीमों के कोच समर्थन के लिए 217,600 अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिला है। पूर्व यूरोपीय चैंपियन खिलाड़ी मिशिल वैन डेर कुइप (Michiel van der Kuip) के नेतृत्व में, डच पुरुष जोड़ियाँ लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। यह कार्यक्रम दिखाता है कि सही मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता से खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे चमक सकते हैं, और यह एक निवेश है जो निश्चित रूप से मैदान पर परिणाम देता है।
महिला वर्ग: अमेरिकी शक्ति और ब्राज़ीलियाई दृढ़ता
महिला वर्ग में, संयुक्त राज्य अमेरिका की केली चेंग (Kelly Cheng) और मौली शॉ (Molly Shaw) ने अपना पहला बीच प्रो टूर पदक जीता, और वह भी सीधा स्वर्ण! नौवीं वरीयता प्राप्त इस जोड़ी ने ब्राजील के जोआओ पेसोआ में अविजित रहते हुए छह मैच जीते और महिला पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया। सेमीफाइनल में उन्होंने ब्राज़ील की विश्व रैंकिंग में दूसरे नंबर की टीम कैरोल सोलवर्ग (Carol Solberg) और रेबेका कैवलकैंटी (Rebecca Cavalcanti) को 2-0 से हराया, और फाइनल में अपनी ही देश की टेरेसी कैनन (Terese Cannon) और मेगन क्राफ्ट (Megan Kraft) को भी 2-0 से मात दी। यह एक बेहतरीन प्रदर्शन था जिसने दिखाया कि नई जोड़ियां भी कैसे इतिहास रच सकती हैं।
टेरेसी कैनन (Terese Cannon) और मेगन क्राफ्ट (Megan Kraft) ने रजत पदक जीता, जो टूर पर उनका छठा पदक था। उन्होंने सेमीफाइनल में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन एना पैट्रिसिया रामोस (Ana Patricia Ramos) और एडुआर्डा सैंटोस लिस्बोआ (Eduarda Santos Lisboa) (डूड़ा) की ब्राज़ीलियाई जोड़ी को हराकर पोडियम पर अपनी जगह पक्की की। यह जीत एक और बड़े उलटफेर का उदाहरण थी।
ब्राज़ील की एना पैट्रिसिया (Ana Patricia) और डूड़ा (Duda) ने कांस्य पदक जीता, जो बीच प्रो टूर पर उनका लगातार चौथा कांस्य पदक था। इसके साथ, उनके प्रभावशाली टूर संग्रह में कुल 19 पदक जुड़ गए हैं। तीसरे स्थान के मैच में उन्होंने अपनी ही देश की जोड़ी कैरोल और रेबेका को 2-0 से हराया। उनकी निरंतरता और हार न मानने की भावना प्रेरणादायक है।
समापन: रेत पर भविष्य की ओर एक कदम
जोआओ पेसोआ एलीट इवेंट में 24 विभिन्न देशों की 32 पुरुष और 32 महिला टीमों ने भाग लिया, जो बीच वॉलीबॉल के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का प्रतीक है। इस टूर्नामेंट ने न केवल खेल कौशल की पराकाष्ठा दिखाई, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे सही समर्थन और दृढ़ संकल्प से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। एफआईवीबी वॉलीबॉल सशक्तिकरण जैसे कार्यक्रम उन गुमनाम नायकों की तरह हैं जो पर्दे के पीछे से खिलाड़ियों को चमकने का मौका देते हैं।
अगला एलीट इवेंट इस सप्ताह फिर से ब्राजील में, रियो डी जनेरियो में 24 से 28 सितंबर तक आयोजित होगा। जोआओ पेसोआ में हुए रोमांचक मैचों के बाद, अब सभी की निगाहें रियो की रेत पर टिकी हैं, जहाँ एक बार फिर खेल भावना और जुनून का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा।