जॉर्जिया के खूबसूरत शहर बाटुमी में, FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 का भव्य समापन एक ऐसी रात के साथ हुआ, जिसने न केवल एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के अंत का, बल्कि भारतीय शतरंज के इतिहास में एक नए, सुनहरे अध्याय के आरंभ का भी संकेत दिया। यह रात संगीत, यादगार पलों और शानदार विजय का एक असाधारण मिश्रण थी, जहाँ भारत की युवा प्रतिभा दिव्या देशमुख ने विश्व विजेता का ताज अपने नाम किया और करोड़ों भारतीयों का सर गर्व से ऊँचा कर दिया।
एक यादगार शाम का आगाज़
ग्रैंड बेलागियो होटल और कैसीनो में, ठीक शाम 7:30 बजे जैसे ही जॉर्जिया का राष्ट्रगान गूंजा, समापन समारोह की गरिमापूर्ण शुरुआत हुई। हॉल में मौजूद हर व्यक्ति की नज़रें मंच पर टिकी थीं। समारोह के मास्टर ऑफ सेरेमनी ने गर्मजोशी से सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया, जिनमें FIDE अध्यक्ष आर्काडी ड्वोरकोविच और जॉर्जियाई शतरंज महासंघ के अध्यक्ष अकाकी इयाशविली जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। माहौल में एक अजीब सी ऊर्जा थी – प्रतिस्पर्धा की गर्मी भले ही शांत हो चुकी थी, लेकिन अब उत्सव का समय था, और विजय का मीठा स्वाद चखने का इंतज़ार था।
नेतृत्व की वाणी: प्रशंसा और अवलोकन
मंच पर सबसे पहले जॉर्जियाई शतरंज महासंघ के अध्यक्ष अकाकी इयाशविली आए। उन्होंने सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई दी और इस आयोजन की सफलता में शामिल प्रत्येक व्यक्ति का दिल से आभार व्यक्त किया। अपने संबोधन में, उन्होंने भारतीय और चीनी खिलाड़ियों के अभूतपूर्व प्रभुत्व को विशेष रूप से रेखांकित किया – मानो शतरंज के बिसात पर अब इन दोनों देशों का ही सिक्का चलता हो, और बाकी खिलाड़ी बस दर्शक बन कर रह गए हों! उन्होंने विश्व कप की प्रतिष्ठा को FIDE कैलेंडर के सबसे लंबे समय तक चलने वाले आयोजनों में से एक बताया और 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस के साथ टूर्नामेंट के मेल खाने का भी उल्लेख किया, जिसने इस आयोजन को और भी खास बना दिया था।
इसके बाद FIDE अध्यक्ष आर्काडी ड्वोरकोविच ने अपनी बात रखी। उन्होंने अकाकी इयाशविली और जॉर्जियाई मेजबानों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बेहतरीन माहौल दिया। ड्वोरकोविच ने तीन सप्ताह पहले पहले दौर की अपनी यात्रा को याद करते हुए बताया कि उन्होंने प्रतियोगिता की “आरामदायक” शुरुआत का आनंद लिया था, हालांकि वे भली-भांति जानते थे कि खिलाड़ियों के लिए दांव कितने ऊँचे थे और शतरंज की हर चाल में कितनी तीव्रता छिपी होती है। उन्होंने उन खिलाड़ियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया जो पहले ही जा चुके थे, यह मानते हुए कि वे अपने गृह देशों में गर्व और अनमोल यादें लेकर लौटे होंगे। उन्होंने जॉर्जियाई लोगों को उनकी गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य में वापस आने की अपनी दिली इच्छा व्यक्त की।
कला और स्मृतियों का संगम
समारोह में जॉर्जिया की सबसे प्रसिद्ध आवाजों में से दो, रुसा तवारत्किलदजे और नोना डियासामिड्जे द्वारा एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला संगीतमय प्रदर्शन भी हुआ, जिन्होंने एक प्रिय जॉर्जियाई गीत प्रस्तुत किया जो बाटुमी का एक अनौपचारिक गान बन गया है। यह संगीत स्पर्धा की कड़ी धूप के बाद एक शीतल फुहार जैसा था, जिसने सभी को एक पल के लिए शांत कर दिया।
पुरस्कार वितरण से ठीक पहले, उपस्थित लोगों को टूर्नामेंट के सबसे यादगार और भावुक क्षणों को दर्शाती एक वीडियो प्रदर्शनी दिखाई गई – निर्णायक जीत और भावुक साक्षात्कार से लेकर अविस्मरणीय उलटफेर और खेल भावना के शांत, किंतु शक्तिशाली क्षणों तक। यह उन सभी संघर्षों और विजयों का एक संक्षिप्त सार था, जो इस विश्व कप का हिस्सा रहे थे, और जिसने हॉल में मौजूद सभी लोगों को एक बार फिर भावनाओं के सागर में डुबो दिया।
भारतीय शतरंज का नया सूर्योदय
मुख्य निर्णायक महदी अब्दुलराहिम ने दर्शकों को एक संक्षिप्त भाषण दिया और फिर गणमान्य व्यक्तियों को मंच पर आमंत्रित किया ताकि वे विजेताओं को सम्मानित कर सकें। मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति कुछ इस प्रकार थे:
- आर्काडी ड्वोरकोविच (FIDE अध्यक्ष)
- अकाकी इयाशविली (अध्यक्ष, जॉर्जियाई शतरंज महासंघ)
- लुकाज़ टर्लेज (FIDE महासचिव)
- स्मबट लपुतिन (उपाध्यक्ष, आर्मेनिया शतरंज महासंघ; अपील समिति)
- ज़ुराब अज़मायपरशविली (यूरोप के लिए महाद्वीपीय अध्यक्ष)
इन सभी गणमान्य व्यक्तियों ने मिलकर 2025 महिला विश्व कप के शीर्ष पुरस्कार प्रदान किए। जब परिणामों की घोषणा हुई, तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट और उत्साह से गूंज उठा:
- चौथा स्थान – लेई टिंगजी (चीन)
- तीसरा स्थान – तान झोंगयी (चीन)
- दूसरा स्थान – हमपी कोनेरू (भारत)
- पहला स्थान – दिव्या देशमुख (भारत)
जी हाँ, भारत की दिव्या देशमुख ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इस प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा जमाया। यह क्षण केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारत में शतरंज के लाखों प्रशंसकों के लिए भी गर्व का था। हमपी कोनेरू का दूसरा स्थान भारत के लिए दोहरी खुशी लाया, जिसने यह साबित कर दिया कि भारतीय महिला शतरंज विश्व मंच पर एक मजबूत शक्ति बनकर उभरी है। यह एक ऐसा परिणाम था, जो भारतीय शतरंज के स्वर्णिम भविष्य की एक स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।
एक भव्य समापन और प्रेरणा
गाला का समापन FIDE गान के साथ हुआ, जिसके तुरंत बाद नव-मुकुटित चैंपियन दिव्या देशमुख के सम्मान में भारत का राष्ट्रगान बजाया गया। भारतीय राष्ट्रगान की धुनें जब बाटुमी के ग्रैंड बेलागियो में गूंजीं, तो यह सिर्फ एक संगीत नहीं था, बल्कि भारतीय प्रतिभा और दृढ़ संकल्प की एक विजय गाथा थी। यह एक ऐसा क्षण था, जब पूरा शतरंज जगत भारत की इस युवा महारानी के उदय का गवाह बना और उसकी जीत का जश्न मनाया गया।
बाटुमी में आयोजित यह FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 न केवल एक सफल आयोजन था, बल्कि यह वैश्विक शतरंज समुदाय के लिए एक प्रेरणा भी बना। इसने दिखाया कि कैसे खेल संस्कृतियों और सीमाओं को पार कर सकता है, और कैसे समर्पण व कड़ी मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। भारतीय शतरंज के लिए यह एक सुनहरा पल था, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और उन्हें शतरंज की दुनिया में अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।