चीन के जियांगमेन में आयोजित FIVB पुरुष अंडर-21 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप ने एक बार फिर खेल जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था, बल्कि युवा प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और अथक प्रयासों की एक गाथा थी, जहाँ कई देशों के होनहार खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में, ईरान ने अपनी खेल शक्ति का एक बार फिर प्रमाण देते हुए लगातार दूसरी बार और कुल मिलाकर तीसरा विश्व खिताब अपने नाम किया। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका ने टूर्नामेंट के इतिहास में अपना पहला और अत्यंत महत्वपूर्ण कांस्य पदक जीतकर एक नया अध्याय लिखा। यह चैंपियनशिप दर्शाती है कि भविष्य के वॉलीबॉल सितारे आज ही चमक रहे हैं।
ईरान की बादशाहत: शुरुआती झटका झेलकर इटली को किया चित
फाइनल मुकाबला ईरान और इटली के बीच खेला गया, जो उम्मीद के मुताबिक बेहद रोमांचक रहा। ईरान ने इटली को 3-1 (15-25, 25-18, 25-22, 25-14) से पराजित कर स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया। मैच की शुरुआत देखकर लगा कि शायद ईरान के लिए यह राह इतनी आसान नहीं होगी, क्योंकि इटली ने पहले सेट में ईरानी टीम को मात्र 15 अंकों पर रोककर एक चौंकाने वाली शुरुआत दी। यह एक ऐसा पल था जब प्रतिद्वंद्वी टीम ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, लेकिन ईरान ने अपने अनुभव और धैर्य का परिचय देते हुए हार नहीं मानी।
दूसरे सेट से कहानी पूरी तरह पलट गई। ईरान ने अपनी रणनीति बदली और 25-18 की शानदार जीत के साथ मैच को बराबरी पर ला खड़ा किया। यह सिर्फ एक सेट जीतना नहीं था, बल्कि मानसिक रूप से वापसी करना और विरोधियों को यह बताना था कि उनकी बादशाहत इतनी आसानी से खत्म नहीं होगी। तीसरा सेट एक कांटे की टक्कर साबित हुआ, जहाँ दोनों टीमें एक-एक अंक के लिए संघर्ष कर रही थीं। अंतिम क्षणों में ईरान ने अपनी पकड़ मजबूत की और 25-22 से सेट जीतकर बढ़त बना ली। चौथे और अंतिम सेट में, मौजूदा चैंपियन ईरान ने इटली की चालों को पूरी सटीकता से पढ़ा और एक आरामदायक बढ़त बनाते हुए 25-14 से सेट और मैच अपने नाम कर लिया। यह उनके लिए लगातार दूसरा अंडर-21 खिताब और कुल तीसरा था, जो वॉलीबॉल के क्षेत्र में उनकी अटूट शक्ति और निरंतरता को दर्शाता है।
जीत के शिल्पकार: सेय्यद मातिन होसैनी टोलौटी और पूया आरियाख़ाह
ईरान की इस शानदार जीत में टीम के कई खिलाड़ियों का योगदान रहा, लेकिन सेय्यद मातिन होसैनी टोलौटी ने अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 18 अंक बनाए, जिसमें 10 दमदार किल्स, 5 अचूक ऐस और 3 महत्वपूर्ण ब्लॉक शामिल थे। पूया आरियाख़ाह ने भी 15 अंकों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को मजबूती प्रदान की। इटली की ओर से टोमासो बारोट्टो और पारडो मत्ती ने 14-14 अंक बनाए, लेकिन वे अपनी टीम को जीत की दहलीज तक नहीं पहुंचा सके। यह मुकाबला उनकी पिछली दो भिड़ंतों की याद दिलाता है, जहाँ ईरान ने दोनों बार पाँच सेटों में जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उन्होंने इसे और भी निर्णायक तरीके से जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित की।
अमेरिका का ऐतिहासिक कांस्य: 14 साल का इंतजार हुआ खत्म
एक ओर जहाँ ईरान ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा, वहीं दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया। उन्होंने कांस्य पदक मैच में चेकिया को 3-0 (25-20, 25-19, 25-18) के सीधे सेटों में हराकर अपने इतिहास का पहला अंडर-21 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप पदक जीता। यह अमेरिकी वॉलीबॉल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, खासकर यह देखते हुए कि 14 साल पहले वे मामूली अंतर से पोडियम से चूक गए थे। इस बार, अमेरिकी टीम ने पूरे मैच में संयम और नियंत्रण बनाए रखा, हर सेट में लगातार बढ़त बनाते हुए शानदार स्वीप पूरा किया।
यह जीत एक संतुलित और चौतरफा प्रदर्शन का परिणाम थी। अमेरिकी टीम ने कुल 42 किल्स, चार ऐस और आठ ब्लॉक दर्ज किए, जबकि अपनी गलतियों को सिर्फ 13 तक सीमित रखा। यह अनुशासन और प्रभावी खेल का मिश्रण था। कप्तान शॉन केली ने 19 अंकों के साथ टीम का नेतृत्व किया, जिसमें 14 किल्स, तीन ब्लॉक और दो ऐस शामिल थे, जो उनके आल-राउंड प्रदर्शन को दर्शाता है। कोल हार्टके ने भी 12 अंक जोड़कर जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी मजबूत रक्षा पंक्ति ने चेकिया के आक्रमण को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, उनके कप्तान मातेज पास्ट्रनाक को 13 और विपक्षी टोमास ब्रिच्टा को सिर्फ छह अंकों तक सीमित रखा। अमेरिकी टीम ने शानदार ब्लॉक और कोर्ट कवरेज के साथ मैच को समाप्त किया और पोडियम पर अपनी बहुप्रतीक्षित जगह का जश्न मनाया।
अन्य उल्लेखनीय प्रदर्शन और परिणाम
इस चैंपियनशिप में सिर्फ शीर्ष तीन ही नहीं, बल्कि अन्य टीमों ने भी अपने प्रदर्शन से ध्यान आकर्षित किया:
- पांचवां स्थान: फ्रांस ने एक रोमांचक मुकाबले में पोलैंड को 3-1 (21-25, 25-19, 25-23, 25-21) से हराया। एड्रियन राउर ने 20 अंकों के साथ फ्रेंच टीम की वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाया।
- सातवां स्थान: क्यूबा ने मेजबान चीन को 3-1 (25-20, 25-19, 20-25, 25-22) से मात दी। डैनियल मार्टिनेज ने 26 अंकों के साथ क्यूबा को जीत दिलाई, जो उनकी आक्रमण क्षमता का प्रतीक था।
- नौवां स्थान: यूक्रेन ने बुल्गारिया को 3-0 (25-23, 25-21, 25-23) के सीधे सेटों में हराकर नौवां स्थान हासिल किया, हर सेट के निर्णायक क्षणों में शांत रहते हुए। यह उनकी मानसिक दृढ़ता को दर्शाता है।
- ग्यारहवां स्थान: जापान ने कोरिया को 3-1 (25-18, 19-25, 25-22, 25-21) से पराजित किया। स्थिर सर्विस और कम गलतियों का फायदा उठाते हुए, जापान ने अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित की।
- तेरहवां स्थान: मिस्र ने कजाकिस्तान को 3-0 (25-22, 25-19, 30-28) से हराया, मजबूत ब्लॉकिंग के दम पर। मिस्र की टीम ने 15 ब्लॉक दर्ज किए, जिससे उनके विरोधियों के हमले बेअसर रहे।
- पंद्रहवां स्थान: अर्जेंटीना ने तुर्किये को 3-1 (25-17, 23-25, 25-16, 25-20) से हराकर पंद्रहवां स्थान प्राप्त किया। फाउस्टो डियाज़ ने 29 अंकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें 10 ब्लॉक भी शामिल थे, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
भविष्य की ओर: युवा प्रतिभाओं का मंच
जियांगमेन में संपन्न हुई FIVB पुरुष अंडर-21 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप ने एक बार फिर साबित कर दिया कि युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकने के लिए तैयार हैं। ईरान की लगातार जीत और अमेरिका का ऐतिहासिक पदक दुनिया भर के युवा वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। यह टूर्नामेंट न केवल तीव्र प्रतिस्पर्धा का प्रतीक था, बल्कि खेल भावना और दृढ़ संकल्प का भी प्रदर्शन था, जो भविष्य में वॉलीबॉल के विकास के लिए नए द्वार खोलेगा। हम 2025 की चैंपियनशिप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब ये युवा खिलाड़ी एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए मैदान पर उतरेंगे और वॉलीबॉल के भविष्य को और उज्ज्वल बनाएंगे।