ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में चल रही 2025 FIVB अंडर-19 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि युवा प्रतिभाएं किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। राउंड ऑफ 16 के मुकाबले अविश्वसनीय रूप से रोमांचक रहे, जहाँ टीमों ने क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। कई मैच ऐसे रहे जहाँ जीत और हार का फैसला अंतिम पलों में हुआ, जिसने खेल प्रेमियों को अपनी सीटों से बांधे रखा।
पोलैंड और बुल्गारिया का अद्भुत संघर्ष: जब जीत और हार के बीच सिर्फ एक अंक का फासला था
बुधवार का दिन कुछ टीमों के लिए अग्निपरीक्षा जैसा था, खासकर उन टीमों के लिए जिन्हें अपने नॉकआउट चरण के मैच पाँच सेटों तक खेलने पड़े। यह खेल का ऐसा प्रारूप है जहाँ मानसिक दृढ़ता की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, क्योंकि एक गलती पूरे मैच का पासा पलट सकती है। पोलैंड और बुल्गारिया ऐसी ही दो टीमें रहीं, जिन्होंने हार न मानने की अपनी जिद्द से सभी को प्रभावित किया और दिखाया कि दबाव में भी कैसे बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है।
बुल्गारिया का मुकाबला संयुक्त राज्य अमेरिका से था, जो एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी साबित हुआ। बुल्गारिया ने शुरुआती दो सेट जीतकर एक आरामदायक स्थिति में पहुँच गई थी, लेकिन अमेरिकी टीम ने जोरदार वापसी करते हुए अगले दो सेट जीत लिए और मैच को निर्णायक पाँचवें सेट तक खींच लिया। क्या बुल्गारिया की शुरुआती बढ़त व्यर्थ जाने वाली थी? इस तनावपूर्ण स्थिति में, युवा खिलाड़ी ज़ासमीन वेलिचकोव ने अपनी शांत और संयमित खेल भावना का प्रदर्शन करते हुए बुल्गारिया को 3-2 (25-22, 25-23, 20-25, 14-25, 16-14) से जीत दिलाई। वेलिचकोव ने जीत के बाद कहा, “हम अंत तक लड़े। हमें हमेशा विश्वास था कि हम जीतेंगे, और इसी प्रेरणा ने हमें पूरे समय ऊर्जावान बनाए रखा।” यह बयान उनकी टीम के संघर्ष और दृढ़ता को दर्शाता है। खेल में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, यह बुल्गारिया ने करके दिखाया।
वहीं, पोलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ दिन का सबसे लंबा और थका देने वाला मैच खेला। यह मुकाबला भी पाँच सेटों तक खिंचा और पोलैंड ने 3-2 (21-25, 25-23, 17-25, 25-21, 18-16) से जीत दर्ज की। यह मैच न केवल उनकी शारीरिक क्षमता, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी परीक्षण था। पाकिस्तानी टीम ने भी शानदार खेल दिखाया, लेकिन अंततः पोलैंड की पकड़ मजबूत रही। मैक्सिमिलियन लिसोन पोलैंड के लिए चमकते सितारे रहे, जिन्होंने 26 अंक बनाए और निर्णायक सेट में आखिरी अंक भी उन्हीं के नाम रहा। लिसोन ने अपनी टीम की मानसिकता को स्पष्ट करते हुए कहा, “हम हमेशा लड़ने की कोशिश करते हैं। यदि हम हारते हैं, तो कोई बात नहीं, लेकिन हमें जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी।” यह दिखाता है कि जीत से ज़्यादा, उनके लिए हर गेंद पर पूरा ध्यान और कभी हार न मानने का ज़ज़्बा मायने रखता है।
क्वार्टरफाइनल की नई तस्वीर: यूरोप का दबदबा
इन रोमांचक जीतों के साथ, पोलैंड और बुल्गारिया ने उन छह अन्य टीमों को जॉइन किया जो पहले ही क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बना चुकी थीं। इनमें स्पेन, इटली, फ्रांस, फिनलैंड, कोरिया और ईरान शामिल हैं। इस बार के क्वार्टरफाइनल में यूरोपीय टीमों का दबदबा स्पष्ट रूप से दिख रहा है, जहाँ कुल आठ में से छह टीमें यूरोप से हैं और केवल दो एशिया से। यह यूरोप में वॉलीबॉल के बढ़ते स्तर और युवा प्रतिभाओं के पोषण को दर्शाता है।
- स्पेन ने अर्जेंटीना को 3-0 (25-22, 25-23, 27-25) से हराया। यह मैच स्कोरलाइन से कहीं ज़्यादा कड़ा था, लेकिन स्पेनिश टीम ने दबाव में बेहतर प्रदर्शन किया। सेसार इराचे ने 26 अंक बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।
- कोरिया ने चीन को 3-0 (25-22, 25-19, 25-22) से क्लीन स्वीप किया। ली जुंगहो ने 17 अंक बटोरे और जीत के बाद अपनी टीम की निरंतरता और मजबूत रक्षा पर जोर दिया।
- मौजूदा चैंपियन फ्रांस ने ब्राजील को 3-0 (25-18, 25-22, 25-21) से हराकर अपने खिताब की रक्षा की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया। उनकी टीम के बीच शानदार तालमेल देखने को मिला।
- ईरान ने बेल्जियम पर 3-1 (25-19, 17-25, 25-19, 25-20) से जीत हासिल की। मोहम्मद अमीन रहीमी ने अपनी जीत घायल साथी माहन बर्कज़ार को समर्पित की, जो खेल भावना का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और दिखाता है कि यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक परिवार है।
- इटली ने मेजबान उज़्बेकिस्तान को 3-0 (25-18, 25-14, 25-14) से आसानी से मात दी, जिससे पता चलता है कि इटलीई टीम कितनी प्रभावी है और मेजबान टीम के खिलाफ भी दबाव में नहीं आती।
- फिनलैंड ने जापान को 3-0 (25-22, 27-25, 25-21) से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई और ताशकंद में अपनी अजेय बढ़त जारी रखी। वे इस टूर्नामेंट के डार्क हॉर्स साबित हो सकते हैं।
17वें से 24वें स्थान के प्लेऑफ मुकाबले: हर जीत मायने रखती है
मुख्य क्वार्टरफाइनल मुकाबलों के अलावा, 17वें से 24वें स्थान के लिए भी प्लेऑफ मैच खेले गए, जहाँ टीमों ने अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए संघर्ष किया। यह दर्शाता है कि इस स्तर पर हर मैच महत्वपूर्ण होता है, भले ही वह सीधे खिताब की दौड़ में न हो:
- तुर्की ने ट्यूनीशिया को पाँच सेटों में 3-2 से हराया, यह भी एक कड़ा मुकाबला था।
- प्यूर्टो रिको ने टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज करते हुए मिस्र को 3-0 से हराया, यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
- क्यूबा ने भी अपनी पहली जीत हासिल की और अल्जीरिया को 3-0 से पराजित किया।
- कोलंबिया ने कनाडा को 3-1 से हराया, जिसमें माईकॉल आइज़ैक ऑर्टिज़ कास्टानेडा ने 20 अंक बनाकर टीम को जीत दिलाई।
आगे क्या? रोमांच अपने चरम पर!
ताशकंद में यह चैंपियनशिप अब अपने निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुकी है। क्वार्टरफाइनल मैच और भी तीव्र होने की उम्मीद है, जहाँ हर टीम विश्व चैंपियन बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगी। युवा खिलाड़ियों का जुनून, उनकी रणनीति और खेल के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें सफलता की ओर ले जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम दबाव में भी अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाती है और अंततः पोडियम पर अपनी जगह बनाती है। वॉलीबॉल प्रेमियों के लिए यह एक शानदार अवसर है कि वे भविष्य के सितारों को आज प्रतिस्पर्धा करते हुए देखें और इस खेल की अनूठी सुंदरता का अनुभव करें।