ट्यूनीशिया के गर्म मैदानों पर हाल ही में संपन्न हुई 2025 अफ्रीकी अंडर-16 वॉलीबॉल चैंपियनशिप ने खेल प्रेमियों को एक यादगार प्रदर्शन का गवाह बनाया। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं था, बल्कि मिस्र के युवा वॉलीबॉल खिलाड़ियों की अदम्य भावना और बेजोड़ कौशल का शानदार प्रदर्शन था, जिन्होंने लड़कों और लड़कियों दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर अफ्रीकी वॉलीबॉल के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिख दिया। यह ऐसी विजय थी जहाँ प्रतिद्वंद्वी टीमें पदक के लिए संघर्ष कर रही थीं, वहीं मिस्र लगभग एकतरफा अंदाज में अपनी बादशाहत स्थापित कर रहा था।
लड़कों का टूर्नामेंट: मिस्र की अजेय यात्रा
लड़कों के वर्ग में, मिस्र, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया और मोरक्को सहित कुल चार टीमों ने खिताब के लिए जोर आजमाया। प्रारंभिक दौर में मिस्र ने अपने सभी मैच जीतकर 8 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। सेमीफाइनल में, मिस्र ने मोरक्को को सीधे सेटों में (25-17, 25-20, 25-18) धूल चटाई, जबकि मेजबान ट्यूनीशिया ने अल्जीरिया को एक रोमांचक मुकाबले में 3-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
फाइनल में मिस्र का सामना मेजबान ट्यूनीशिया से हुआ, और मिस्र ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए ट्यूनीशिया को 3-0 (25-17, 25-20, 25-19) से हरा दिया। यह जीत सिर्फ स्वर्ण पदक नहीं थी, बल्कि टूर्नामेंट में मिस्र के अजेय रहने का प्रमाण थी। कांस्य पदक के लिए अल्जीरिया ने मोरक्को को 3-2 से हराया।
`ड्रीम टीम` में मिस्र का वर्चस्व: सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और एमवीपी
मिस्र के खिलाड़ियों ने न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि `ड्रीम टीम` में भी अपना वर्चस्व कायम रखा। टीम के पाँच खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हुए, जिनमें सबसे उल्लेखनीय नाम आउटसाइड हिटर अब्देलअज़ीज़ मोहम्मद का था, जिन्हें `मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर` (MVP) का खिताब भी मिला। उनके साथ टीम के हुसैन सेलम (सर्वश्रेष्ठ ऑपोज़िट), मुस्तफा उमर (सर्वश्रेष्ठ मिडिल ब्लॉकर), तागेल्डिन अली (सर्वश्रेष्ठ सेटर) और हमद ज़ियाद (सर्वश्रेष्ठ लिबेरो) भी ड्रीम टीम का हिस्सा बने। अल्जीरिया के अल्लाल मोहम्मद इयाद (सर्वश्रेष्ठ मिडिल ब्लॉकर) और ट्यूनीशिया के जेनहानी महदी (सर्वश्रेष्ठ आउटसाइड हिटर) ने भी ड्रीम टीम में अपनी जगह बनाई।
लड़कियों का टूर्नामेंट: एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण
लड़कियों के वर्ग में मिस्र का प्रदर्शन और भी शानदार रहा। इस वर्ग में मिस्र, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, मोरक्को और मेडागास्कर सहित पांच देशों ने भाग लिया। मिस्र की लड़कियों ने अपने सभी छह मैच जीतकर और एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को वॉलीबॉल के पाठ पढ़ाए, जहाँ हर सेट एक नई सीख बनकर सामने आई।
प्रारंभिक दौर में, मिस्र ने 4-0 के जीत-हार अनुपात के साथ 12 अंकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सेमीफाइनल में, मिस्र ने मोरक्को को सीधे सेटों में (25-11, 25-11, 25-06) आसानी से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला एक बार फिर ट्यूनीशिया से हुआ, और परिणाम वही रहा – मिस्र ने मेजबान टीम को 3-0 (25-18, 25-19, 25-16) से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अल्जीरिया ने कांस्य पदक के लिए मोरक्को को सीधे सेटों में (25-14, 25-23, 25-14) हराया।
लड़कियों की `ड्रीम टीम`: अब्देलराहिम जूद का जलवा
लड़कियों की ड्रीम टीम में भी मिस्र का दबदबा कायम रहा। अब्देलराहिम जूद को `मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर` और `सर्वश्रेष्ठ आउटसाइड हिटर` का दोहरा सम्मान मिला। उनके अलावा, टीम की मोहम्मद लीना (सर्वश्रेष्ठ सेटर), मेवाड़ रिनाद (सर्वश्रेष्ठ लिबेरो) और अबूएलहसन निजार (सर्वश्रेष्ठ मिडिल ब्लॉकर) भी ड्रीम टीम में शामिल थीं। रजत पदक विजेता ट्यूनीशिया से अलोच मलक (सर्वश्रेष्ठ आउटसाइड हिटर), छफारी रानी (सर्वश्रेष्ठ मिडिल ब्लॉकर) और करामोसली हाजर (सर्वश्रेष्ठ ऑपोज़िट) ने भी अपनी जगह बनाई।
विश्व मंच की ओर: 2026 FIVB अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप
यह जीत केवल एक क्षेत्रीय खिताब तक सीमित नहीं है। लड़कों और लड़कियों दोनों वर्गों में शीर्ष तीन स्थान हासिल करने वाली टीमें – मिस्र, ट्यूनीशिया और अल्जीरिया – 2026 FIVB अंडर-17 वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप में अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह मिस्र के युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर है कि वे वैश्विक मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करें और अफ्रीकी वॉलीबॉल की क्षमता को दुनिया के सामने रखें। ट्यूनीशिया और अल्जीरिया भी कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं, लेकिन मिस्र के इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया है कि भविष्य के वॉलीबॉल सितारों की नर्सरी अब अफ्रीका में है, और विशेष रूप से मिस्र में।
निष्कर्ष
संक्षेप में, 2025 अफ्रीकी अंडर-16 वॉलीबॉल चैंपियनशिप मिस्र के लिए एक स्वर्णिम अध्याय था। उन्होंने न केवल दोनों स्वर्ण पदक जीते, बल्कि ऐसा प्रभुत्व दिखाया जो शायद ही किसी ने सोचा होगा। यह केवल शारीरिक शक्ति का नहीं, बल्कि रणनीति, टीम वर्क और मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन था। मिस्र के इन युवा योद्धाओं ने साबित कर दिया कि वे सिर्फ अफ्रीका के नहीं, बल्कि विश्व वॉलीबॉल के भविष्य के सितारे हैं। अब निगाहें 2026 विश्व चैंपियनशिप पर टिकी हैं, जहाँ यह अफ्रीकी शक्ति दुनिया को चुनौती देने के लिए तैयार है।