फिलीपींस में आयोजित होने वाली 2025 FIVB पुरुष वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप में एक बार फिर अफ्रीकी दिग्गज ट्यूनीशिया अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है। यह उनकी 12वीं विश्व चैंपियनशिप यात्रा होगी और इस बार वे सिर्फ भागीदारी के लिए नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करने के इरादे से मैदान में उतरेंगे। अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे सफल वॉलीबॉल टीम होने का गौरव लिए, ट्यूनीशियाई टीम अनुभव, जुनून और अटूट दृढ़ संकल्प का एक अनूठा मिश्रण लेकर आ रही है।
विश्व चैंपियनशिप में लगातार उपस्थिति: अनुभव की दौलत
ट्यूनीशियाई वॉलीबॉल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी एक मज़बूत पहचान बनाई है। उन्होंने रिकॉर्ड 11 अफ्रीकी चैंपियनशिप खिताब जीते हैं और 7 ओलंपिक खेलों में भाग लिया है, जो किसी भी अफ्रीकी टीम के लिए एक असाधारण उपलब्धि है। विश्व चैंपियनशिप में भी उनकी निरंतर उपस्थिति सराहनीय है; 2002 से यह उनकी लगातार सातवीं उपस्थिति होगी, जो उनकी स्थिरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हालांकि, वैश्विक मंच पर उनकी सबसे अच्छी उपलब्धि 2006 में 15वां स्थान और 2022 में राउंड ऑफ़ 16 तक पहुंचना रही है, जहां उन्होंने दिखाया कि वे उच्च रैंकिंग वाली टीमों को भी कड़ी टक्कर दे सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या यह अनुभव उन्हें उस उपलब्धि तक ले जा पाएगा, जिसका वे इतने लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हैं? उम्मीदें बहुत हैं, लेकिन खेल का मैदान ही असली परीक्षा लेगा।
ग्रुप ए: कड़ी टक्कर और रोमांचक मुकाबले
इस चैंपियनशिप में ट्यूनीशिया को ग्रुप ए में रखा गया है, जहां उनका मुकाबला मेज़बान फिलीपींस, एशियाई पावरहाउस ईरान और चिर-प्रतिद्वंद्वी मिस्र से होगा। फिलीपींस की SM मॉल ऑफ़ एशिया एरिना में होने वाले ये मुकाबले निश्चित रूप से बेहद रोमांचक होंगे। 12 सितंबर को फिलीपींस के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करने के बाद, वे 16 सितंबर को ईरान और 18 सितंबर को मिस्र से भिड़ेंगे। यह ग्रुप उनके लिए एक वास्तविक परीक्षा होगी, विशेषकर मेज़बान टीम के घरेलू दर्शकों का समर्थन और ईरान की विश्व-स्तरीय प्रतिभा के सामने। लेकिन अफ्रीकी चैंपियन ऐसी चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, और हो सकता है कि यह `कड़ी टक्कर` ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करे।
सफलता की नींव: FIVB समर्थन और बेहतरीन कोचिंग
ट्यूनीशिया की इस निरंतर प्रगति के पीछे FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट कार्यक्रम का भी बड़ा हाथ है। 2018 से, ट्यूनीशिया को कोच समर्थन में $330,000 से अधिक की सहायता मिली है, जिसमें राष्ट्रीय टीम के तकनीकी और रणनीतिक स्तर को बढ़ाने के लिए कई 12 महीने के प्रोजेक्ट शामिल हैं। इतालवी कोच कैमिलो प्लासी इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता को टीम में लाने की लंबी रणनीति का हिस्सा है। ऐसा लगता है कि ट्यूनीशिया ने “सही व्यक्ति को सही जगह पर” रखने की कला में महारत हासिल कर ली है, और अब देखना यह है कि यह निवेश मैदान पर क्या रंग लाता है।
मैदान पर सितारा: हमजा नागा का जलवा
मैदान पर, ट्यूनीशियाई टीम की निगाहें अपने स्टार खिलाड़ी, हमजा नागा पर टिकी होंगी। टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई थी और तब से वे टीम के सबसे भरोसेमंद अटैकिंग हथियारों में से एक बन गए हैं। उनकी उपस्थिति विपक्षी टीमों के लिए एक बड़ा खतरा साबित होती है। हमजा का अनुभव और आक्रमण की क्षमता ट्यूनीशिया के लिए महत्वपूर्ण होगी, खासकर निर्णायक पलों में जब टीम को एक लीडर की ज़रूरत होगी। वे जानते हैं कि कब और कैसे स्कोर करना है, और यही चीज़ उन्हें अनमोल बनाती है।
घरेलू लीग की मज़बूती और भविष्य की राह
ट्यूनीशियाई वॉलीबॉल फेडरेशन का खिलाड़ियों के विकास पर लगातार ध्यान रहा है। उनकी राष्ट्रीय लीग अफ़्रीका की सबसे प्रतिस्पर्धी लीगों में से एक है, जो युवा प्रतिभाओं को नियमित रूप से उच्च-स्तरीय मैच खेलने और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का एक विश्वसनीय मार्ग प्रदान करती है। यह एक ऐसी ठोस नींव है जिस पर कोई भी सफल टीम खड़ी होती है। घरेलू स्तर पर मिलने वाला यह अनुभव और प्रतियोगिता ही खिलाड़ियों को वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करती है।
गहरे टूर्नामेंट अनुभव, कुशल नेतृत्व और यूरोप की शीर्ष लीगों के दिल में एक स्टार खिलाड़ी के साथ, ट्यूनीशिया ग्रुप ए में एक कठिन परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। वे इस अनुभव को ऐसे परिणामों में बदलना चाहते हैं जो उन्होंने अभी तक हासिल नहीं किए हैं। क्या इस बार अफ्रीकी शेरों की दहाड़ वैश्विक मंच पर इतिहास रचेगी? 2025 FIVB पुरुष वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप में इसका जवाब मिलेगा। खेल प्रेमियों को इंतज़ार है।