हॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म `द टर्मिनल` में टॉम हैंक्स का पात्र विक्टर नावॉर्स्की शायद यही कहता: `मैं इंतज़ार करता हूँ` – `मैं प्रतीक्षा करता हूँ`। इंटर मिलान के उच्च अधिकारी भी इन दिनों कुछ इसी मंत्र का जाप कर रहे हैं, खासकर जब बात नाइजीरियाई फॉरवर्ड अडेमोला लुकमैन के अधिग्रहण की हो। एटलान्टा के इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए इंटर ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन यह अधिग्रहण किसी जटिल पहेली से कम नहीं है, जहाँ धैर्य और सटीक रणनीति ही कुंजी है।
खिलाड़ी की चाहत और क्लब का प्रतिरोध
एडेमोला लुकमैन, जिन्होंने एटलान्टा के लिए तीन सीज़न में 52 गोल दागकर अपनी उपयोगिता साबित की है, स्पष्ट रूप से मिलान की ओर रुख करना चाहते हैं। उन्होंने इंटर के साथ 2030 तक 4.5 मिलियन यूरो प्रति वर्ष के शुद्ध वेतन पर समझौता भी कर लिया है, जो `डिक्रीटो क्रेसिटा` (Decreto Crescita) नामक कर लाभ योजना से और भी आकर्षक हो जाता है। नेपोली और एटलेटिको मैड्रिड जैसे बड़े क्लबों से आए प्रस्तावों को ठुकराकर लुकमैन ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है: वह मिलान के नेराज़ूरी हिस्से में, कोच चिवु की छत्रछाया में `थुलालो` (थुराम, लुटारो और लुकमैन) के खूंखार आक्रमण तिकड़ी का हिस्सा बनना चाहते हैं।
लेकिन यह यात्रा इतनी सीधी नहीं है। एटलान्टा, लुकमैन को इतनी आसानी से जाने देने को तैयार नहीं है। इस बात को लेकर ड्रामा तब और गहरा गया जब लुकमैन ने पहले सोशल मीडिया से इंटर की जर्सी के साथ अपनी तस्वीरें हटाईं, फिर एक लंबा बयान जारी किया, और हाल ही में तो अभ्यास सत्र में भी अनुपस्थित रहे। ज़िंगोनिया के बाहर लटके बैनर `अब बहुत हुआ। अयोग्य एजेंट और कृतघ्न खिलाड़ी, प्रशंसकों और जिन्होंने आपको मूल्यवान बनाया उनका सम्मान करें!` ने प्रशंसकों के आक्रोश को बखूबी दर्शाया। यह फुटबॉल की एक विडंबना ही है कि जब कोई खिलाड़ी अपने करियर के शिखर पर किसी बड़े क्लब का रुख करना चाहता है, तो उसे अक्सर `कृतघ्न` करार दिया जाता है, जबकि व्यवसायिक दुनिया में यह एक सामान्य प्रगति मानी जाती है।
इंटर की निरंतर बोली और वित्तीय दांवपेंच
इंटर ने लुकमैन के लिए पहले 40 मिलियन यूरो का प्रस्ताव रखा, जिसे एटलान्टा ने तुरंत खारिज कर दिया। फिर, इंटर के अध्यक्ष बेप्पे मारोट्टा और एटलान्टा के सीईओ लुका पर्कासी के बीच एक बैठक के बाद, 45 मिलियन यूरो (बोनस सहित) का दूसरा प्रस्ताव भी ठुकरा दिया गया। पर्कासी के बयानों में यह बात सामने आई कि एटलान्टा लुकमैन को किसी इतालवी क्लब को बेचने का इरादा नहीं रखता, लेकिन इंटर के प्रस्तावों पर विचार करने में उनका `समय` लेना इस बात पर सवाल उठाता है कि क्या यह केवल मोलभाव करने की एक रणनीति है।
अब इंटर के शीर्ष अधिकारी, 50 मिलियन यूरो के करीब एक और `अंतिम` प्रस्ताव देने के लिए कमर कस चुके हैं। यह खेल सिर्फ खिलाड़ियों की अदला-बदली का नहीं, बल्कि मनोविज्ञान, वित्तीय प्रबंधन और क्लबों के बीच की जटिल शक्ति-संतुलन का भी है। इंटर जानता है कि लुकमैन उन्हें ही चाहते हैं, और यह एक बड़ा फायदा है।
दस दिन की समय-सीमा: `चेस गेम` का अंतिम चरण
इंटर मिलान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे लुकमैन के लिए केवल दस दिन और इंतज़ार करेंगे। यह एक रणनीतिक चाल है – एक तरह का `अल्टीमेटम` लेकिन बिना किसी औपचारिक घोषणा के। सीरी ए में 25 अगस्त को टोरिनो के खिलाफ अपने डेब्यू से पहले इंटर को मोनैको (8 अगस्त), मोंज़ा (12 अगस्त) और ओलंपियाकोस (16 अगस्त) के खिलाफ तीन दोस्ताना मैच खेलने हैं। इंटर का लक्ष्य है कि लुकमैन इन मैचों से पहले ही टीम में शामिल हो जाएं, ताकि कोच चिवु उन्हें अपनी रणनीति में फिट कर सकें।
क्या इंटर के धैर्य की जीत होगी? यह फुटबॉल की दुनिया में एक सामान्य दृश्य है जहां क्लब अपने प्रमुख खिलाड़ियों को खोना नहीं चाहते, खासकर तब जब उन्हें तुरंत कोई विकल्प न मिल रहा हो। एटलान्टा की ओर से रेतेगुई की बिक्री ने उनकी स्थिति को और मुश्किल बना दिया है, क्योंकि अब उन्हें एक साथ दो प्रमुख फॉरवर्ड्स के विकल्पों की तलाश करनी पड़ सकती है।
एक वैकल्पिक मार्ग: क्रिस्टोफर नकुंकू
यदि यह `ड्रामा` इन दस दिनों में समाप्त नहीं होता है, तो इंटर अपनी दिशा बदलने में संकोच नहीं करेगा। चेल्सी के फॉरवर्ड क्रिस्टोफर नकुंकू, जो पिछले सीज़न में 35 मैचों में 14 गोल कर चुके हैं, इंटर की शॉर्टलिस्ट में हैं। नकुंकू एक सिद्ध खिलाड़ी हैं, लेकिन उनका अधिग्रहण लुकमैन से कहीं अधिक जटिल हो सकता है। हालांकि, नकुंकू का प्रति वर्ष 6.5 मिलियन यूरो का भारी-भरकम वेतन और 2029 तक का अनुबंध इंटर की `लागत-नियंत्रण` नीति के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्या इंटर अपने नियमों में ढील देगा या एक महंगा लेकिन सिद्ध विकल्प चुनेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। वर्तमान में, इंटर की प्राथमिकता नाइजीरियाई फॉरवर्ड ही हैं।
फुटबॉल ट्रांसफर बाजार एक ऐसा रणक्षेत्र है जहाँ सिर्फ पैसों का खेल नहीं होता, बल्कि धैर्य, रणनीति, और कभी-कभी खिलाड़ियों की निजी इच्छाएं भी निर्णायक भूमिका निभाती हैं। अगले दस दिन इंटर और लुकमैन दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। क्या विक्टर नावॉर्स्की का `मैं इंतज़ार करता हूँ` वाला मंत्र सफल होगा, या इंटर को `टर्मिनल` से किसी और `प्रस्थान` का मार्ग खोजना होगा, यह जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा।