खेल की दुनिया में हर वापसी एक कहानी होती है, लेकिन कुछ कहानियां सिर्फ वापसी नहीं, बल्कि एक नए युग का ऐलान करती हैं। लीबिया की पुरुष वॉलीबॉल टीम की FIVB विश्व चैम्पियनशिप में 43 साल बाद की वापसी ऐसी ही एक गाथा है, जो धैर्य, दृढ़ संकल्प और सामूहिक भावना का प्रतीक है।
इतिहास की परतें हटाकर वर्तमान में कदम
आखिरी बार जब लीबिया ने इस वैश्विक मंच पर कदम रखा था, वह 1982 में अर्जेंटीना में था। तब टीम में शामिल 14 खिलाड़ियों में से कोई भी इस दुनिया में नहीं आया था। यह एक ऐसा ऐतिहासिक अंतर है, जो वर्तमान टीम के लिए इस वापसी को और भी खास बनाता है। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी के लिए इतिहास को फिर से लिखने और अपने राष्ट्र के लिए गौरव वापस लाने का अवसर है। फुअद एलमारूग, टीम के लिबेरो और कप्तान, जो उस ऐतिहासिक विश्व चैम्पियनशिप के चार महीने बाद पैदा हुए थे, इस यात्रा के सबसे उम्रदराज साक्षी हैं। उनका अनुभव और नेतृत्व इस युवा टीम के लिए अमूल्य होगा।
संघर्ष से सफलता तक: अफ्रीकी चैम्पियनशिप का कमाल
यह वापसी रातों-रात नहीं हुई है। लीबियाई टीम ने 2023 अफ्रीकी नेशंस चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक अपने नाम किया। ट्यूनीशियाई कोच घिज़ी कौबा के कुशल मार्गदर्शन में, टीम ने पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक मैच गंवाया – सेमीफाइनल में अल्जीरिया से करीबी 3-2 की हार। तीसरे स्थान के प्लेऑफ में कैमरून पर 3-1 की प्रभावशाली जीत ने उन्हें 2025 विश्व चैम्पियनशिप में अपनी जगह पक्की करने में मदद की।
क्या आप जानते हैं? 2025 संस्करण से, अफ्रीका को अब FIVB विश्व चैम्पियनशिप में दो के बजाय तीन स्थान मिलेंगे। लीबिया ने इस नए अवसर का भरपूर लाभ उठाया है, जिससे उनकी वापसी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
सितारे और रणनीतिकार: टीम लीबिया का खाका
कोच घिज़ी कौबा, जिन्हें FIVB वॉलीबॉल एम्पावरमेंट प्रोग्राम के तहत CHF 84,000 के कोच सपोर्ट प्रोजेक्ट से समर्थन मिला है, एक बार फिर लीबिया का नेतृत्व करेंगे। मनीला में उनकी चुनौती आसान नहीं होगी, क्योंकि उनकी टीम को कुछ विश्व की शीर्ष रैंक वाली टीमों का सामना करना है।
टीम की रीढ़ अनुभवी खिलाड़ियों और युवा प्रतिभा का संगम है:
- अहमद इखबायरी (अपोजिट): 2023 अफ्रीकी नेशंस चैम्पियनशिप के `ड्रीम टीम` के सर्वश्रेष्ठ अपोजिट खिलाड़ी। इटली की सेरी A1 में मोडेना वॉली के लिए खेलने वाले 200 सेमी लंबे इस खिलाड़ी से टीम को बहुत उम्मीदें हैं। उनका आक्रमण लीबिया की सफलता की कुंजी होगा।
- मोहम्मद इखबायरी और मोहम्मद गरवाश (आउटसाइड हिटर्स): अहमद के बड़े भाई मोहम्मद और गरवाश बाहरी हिटर्स के रूप में आक्रमण में सहयोग देंगे और मजबूत रिसेप्शन प्रदान करेंगे।
- एनास अलवाडानी और मोहम्मद अलघौल (मिडिल ब्लॉकर्स): यह मजबूत जोड़ी नेट पर रक्षा की दीवार बनेगी, जिससे विपक्षी टीमों के लिए अंक बटोरना मुश्किल हो जाएगा।
- अब्देल्रहमान अबू ज़रीबा (सेटर): टीम के आक्रमण को व्यवस्थित करने और रणनीतिक चालों को अंजाम देने की जिम्मेदारी अबू ज़रीबा के कंधों पर होगी।
मनीला में कड़ी परीक्षा: पूल जी की चुनौतियां
मनीला, फिलीपींस में 12 से 28 सितंबर तक चलने वाली इस चैम्पियनशिप में लीबिया (विश्व रैंकिंग 75वें) को पूल जी में विश्व की पांचवीं रैंक वाली जापान, 11वीं रैंक वाली कनाडा और 16वीं रैंक वाली तुर्की के साथ रखा गया है। यह एक `डेथ ग्रुप` जैसा लग सकता है, लेकिन यह लीबिया के लिए अपनी योग्यता साबित करने का सुनहरा अवसर है।
लीबिया का अभियान 13 सितंबर को स्मार्ट अранеटा कोलिज़ीयम, क्यूज़ोन सिटी में कनाडा के खिलाफ शुरू होगा। इसके बाद 15 सितंबर को तुर्की और 17 सितंबर को पूल की शीर्ष टीम जापान से मुकाबला होगा। इन शक्तिशाली विरोधियों के खिलाफ खेलना लीबियाई वॉलीबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण सीखने का अनुभव होगा और उन्हें वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने का मौका देगा।
सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय गौरव
यह सिर्फ वॉलीबॉल का एक टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि लीबियाई खेल जगत के लिए एक नई उम्मीद और पहचान का प्रतीक है। कोच कौबा का लक्ष्य सिर्फ मैच जीतना नहीं, बल्कि लीबिया को अफ्रीकी और वैश्विक वॉलीबॉल मानचित्र पर एक दुर्जेय शक्ति के रूप में फिर से स्थापित करना है। 43 साल का इंतजार अब खत्म हो चुका है, और लीबिया एक बार फिर अपने सपनों को पंख देने और विश्व को अपनी क्षमता दिखाने के लिए तैयार है। यह एक यात्रा है जो न केवल खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी, बल्कि पूरे देश को एक साथ बांधेगी।